भारत के इस गांव में जूते-चप्पल बैन, वजह अनोखी, बाहरी लोगों पर नहीं बनाया जाता दबाव

Tamil Nadu Village No Shoes : ये गांव तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 450 किलोमीटर दूर है। इस गांव कल अधिकतर लोग किसानी करते थे या फिर खेतों में मजदूरी किया करते थे।

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Tamil Nadu Village No Shoes : आपने बिना बिजली, पानी वाले गांव के बारे में सुना होगा लेकिन क्या आपको पता है कि भारत का एक ऐसा भी गांव है, जहां के लोग चप्पल नहीं पहनते हैं। आज हम इस गांव के बारे में बताएंगे और यह भी बताएंगे कि आखिर इस गांव के लोग चप्पल क्यों नहीं पहनते हैं।

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 450 किलोमीटर दूर मौजूद इस गांव का नाम अंडमान (Andaman village no shoes) है। इस गांव के अधिकतर लोग चप्पल नहीं पहनते हैं। बच्चे बिना चप्पल के स्कूल जाते हैं। किसान खेतों में काम करते वक्त भी चप्पल नहीं पहनते हैं। यहां तक कुछ तो ऐसे हैं जो तपती धूप में भी चप्पल से दूरी बनाए रखते हैं।

बताया जाता है कि इस गांव में सिर्फ कुछ बुजुर्ग या बूढ़े ही चप्पल पहनते हैं। इसके अलावा जब धूप की वजह से जमीन अधिक गर्म हो जाती है, तब भी कुछ ही लोग चप्पल पहनते हैं। कुछ तो ऐसे हैं जो इस गांव के दायरे में चप्पल को हाथ में लेकर चलते हैंऔर दायरे से बाहर निकलने के बाद वह चप्पल पहन लेते हैं।

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आखिर क्या है कारण?

अंडमान गांव के लोगों का मानना है कि उनकी और गांव की सुरक्षा मुथ्यालम्मा नाम की एक देवी करती हैं। लोग उनका खूब सम्मान करते है और उन्हीं के सम्मान में गांव के लोग चप्पल और जूते नहीं पहनते हैं। हालांकि जब वह गांव की सीमा से बाहर जाते हैं तो चप्पल पहन लेते हैं।

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इस गांव में जब कोई बाहर से आता हैं तो ग्रामीण इस प्रथा या मान्यता के बारे में लोगों को बताते हैं। अगर बाहरी लोग चप्पल उतारने को लेकर तैयार हो जाते हैं तो लोग खुश हो जाते हैं और अगर कोई तैयार नहीं होता तो उस पर जबरदस्ती दबाव नहीं बनाया जाता। गांव की देवी की मार्च-अप्रैल में तीन दिनों की पूजा होती है।

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