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UP Police की 'तीसरी आंख' रोकेगी क्राइम, DGP और STF चीफ ने लॉन्च किया त्रिनेत्र 2.0 ऐप

Up police tie up with AI-startup: उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए एक नया तरीका निकाल लिया है। यूपी पुलिस AI की मदद से अपराधियों का डाटाबेस तैयार कर रही है, जिससे उनकी पहचान करने में मदद मिलेगी।
10:47 PM Mar 16, 2024 IST | Deeksha Priyadarshi
uttar pradesh poilce
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Up police tie up with AI-startup: इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का लोग हर क्षेत्र में इस्तेमाल कर रहे हैं। फिर इस मामले में भला यूपी पुलिस कैसे पीछे रहती। उत्तर प्रदेश की पुलिस ने अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए गुड़गांव बेस्ड AI-startup Staqu Technologies के साथ कोलैब किया है। दरअसल, इस कंपनी ने क्राइम जीपीटी Trinetra 2.0 लॉन्च किया था। इस टूल की मदद से उत्तर प्रदेश सरकार और स्पेशल टास्क फोर्स के साथ मिलकर काम कर रही है। ये सिक्योरिटी को मजबूत बनाने का एक प्रयास है। इससे उत्तर प्रदेश पुलिस को अपराधियों को काबू में करने में मदद मिलेगी।

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क्रिमिनल का बैकग्राउंड निकालना होगा आसान

इस Crime GPT की मदद से पुलिस को डेटाबेस मेंटेन करने से लेकर निकालने में आसानी होगी। इसके अलावा इसकी मदद से लिखित और ऑडियो इनपुट के आधार पर रिजल्ट तैयार करना भी आसान हो जाएगा। यानी ये पुलिस वालों के लिए एक रिवॉल्यूशन की तरह है। इसकी मदद से क्रिमिनल का बैकग्राउंड फाइल में सर्च करने के बजाए आसानी से निकाला जा सकता है।

डेटाबेस तैयार करने में मिलेगी मदद

इस ऐप्लिकेशन की मदद से ओरल सिग्नल, ऑडियो इनपुट और फेशियल इम्प्रेशन की मदद से अपराधियों को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। बता दें कि स्टैक पहला भारतीय स्टार्टअप है, जिसने उत्तर प्रदेश पुलिस के सहयोग से 9 लाख से अधिक अपराधियों का डेटाबेस तैयार किया है।

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सीसीटीवी फीड से डाटा निकालना होगा आसान

क्राइम जीपीटी सभी डिजिटल डेटा का विश्लेषण करता है। ये सीसीटीवी फीड से कलेक्ट किया हुआ ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट शामिल हो। इन सभी डाटा का ये एक फाइल बनाकर स्टोर करता है। यूपी में Crime GPT के इस्तेमाल के बाद अब इसे पंजाब और दूसरे राज्यों में भी डेटाबेस तैयार करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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