दिल्ली के इस युवा के नाम 8 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज, देखा था फौजी बनने का सपना
Guinness World Records: वो कहते हैं न अगर किसी के अंदर कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो कोई भी उसे आगे बढ़ने से रोक नहीं सकता। आज हम एक ऐसे ही लड़के की बात करने जा रहे हैं जिसने फौजी बनने सका सपना देखा था लेकिन वो पूरा न हो सका। लेकिन उसने हार नहीं मानी और कुछ ऐसा कर दिखाया की गिनीज बुक में नाम दर्ज हो गया। हम बात कर रहे हैं विनोद कुमार चौधरी की जिन्होंने एक नहीं बल्कि आठ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किए। आइए जानते हैं विनोद के बारे में और उनके बनाए रिकॉर्ड के बारे में...
बचपन में देखा था फौजी बनने का सपना
विनोद कुमार चौधरी ने नांगलोई दिल्ली के रहने वाले हैं। उन्होंने बचपन में फौजी बनने का सपना देखा था लेकिन छोटी हाइट की वजह से वो अपना ये सपना पूरा न कर सका। उसने हार नहीं मानी और कुछ कर दिखाने की ठान ली। विनोद ने एक बार देखा की खुर्शीद नाम के एक आदमी ने नाक से टाइपिंग कर एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया है। फिर क्या था उसके मन में भी ये आ गया और उसने साल 2014 में नाक से टाइपिंग कर पहला रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज करवाया।
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कौन-कौन से रिकॉर्ड विनोद के नाम
अब विनोद कुमार चौधरी के बाकी गिनीज बुक रिकॉर्ड के बारे में भी जान लेते हैं। उन्होंने एक नहीं बल्कि आठ रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं।
1. साल 2014 में पहला रिकॉर्ड बनाया नाक से टाइपिंग करने का जिसमें लगा 46.30 सेकेंड का समय
2. साल 2016 में एक हाथ से सबसे तेज टाइपिंग करने का रिकॉर्ड जिसमें लगा 6.9 सेकंड का समय
3. साल 2016 में बंद आंख से सबसे तेज टाइपिंग करने का रिकॉर्ड जिसमें लगा 6.71 सेकंड का समय
4. साल 2017 में होंठ से पेन पकड़कर सबसे तेज टाइपिंग का रिकॉर्ड लगा 18.65 सेकंड का समय
5. साल 2018 में होंठ से पेन पकड़कर सबसे तेज टाइपिंग का रिकॉर्ड जिसमें लगा 17. 69 सेकंड का समय
6. साल 2018 एक उंगली से सबसे तेज टाइपिंग का रिकॉर्ड जिसमें लगा 29.53 सेकंड का समय
7. साल 2019 एक उंगली से सबसे तेज टाइपिंग का रिकॉर्ड जिसमें लगा 21. 69 सेकंड का समय
8. साल 2019 होंठ से पेन पकड़कर सबसे तेज टाइपिंग का रिकॉर्ड जिसमें लगा 17.01 सेकंड का समय
अब क्या करते हैं विनोद कुमार चौधरी
अब ये जानने की जिज्ञासा भी जरूर हो रही होगी की विनोद अब क्या रह रहे हैं। दरअसल इन दिनों विनोद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पर्यावरण संस्थान में कॉन्ट्रेक्ट पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा वो गरीब बच्चों को फ्री में टाइपिंग सीखाने का भी काम करते हैं ताकि वो बच्चे भी भविष्य में कुछ कर सकें।
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