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10 साल में कितनी नौकरियां? मनमोहन के मुकाबले मोदी ने दी ज्यादा जॉब्स! रेल मंत्री ने संसद को बताया सच

Railway Jobs in Modi Rule: रेल मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने 10 साल के शासन में मनमोहन सरकार के मुकाबले ज्यादा नौकरियां दी हैं। उन्होंने कहा कि रेल हादसे कम हुए हैं। वहीं रेलवे ने ट्रेनों में बेबी बर्थ का ट्रायल शुरू किया है।
10:33 AM Aug 03, 2024 IST | News24 हिंदी
रेल मंत्री ने संसद को बताया कि एनडीए सरकार ने यूपीए सरकार के मुकाबले ज्यादा नौकरियां दी हैं।
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Railway Jobs in Modi Rule: नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 से 2024 के दरम्यान दस सालों में रेलवे की 5.02 लाख नौकरियां पैदा की हैं। संसद में रेल मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी में यह सामने आया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच यूपीए की सरकार ने 4.11 लाख नौकरियां दीं, वहीं मौजूदा सरकार ने 5.02 लाख से ज्यादा नौकरियां दी हैं। रेल मंत्री ने शरद पवार की पार्टी की सांसद फौजिया खान के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।

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अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगस्त 2022 से अक्टूबर 2022 तक 1.1 करोड़ परीक्षार्थियों ने आरआरबी का एग्जाम दिया। इसमें से 1,30,581 परीक्षार्थी रेलवे के लिए चुने गए। मंत्री ने कहा कि रेलवे की परीक्षा में पेपरलीक का कोई मामला सामने नहीं आया। उन्होंने कहा कि ज्यादातर भर्तियां सेफ्टी रिलेटेड पदों पर हुई हैं।

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हादसों की संख्या में 60 प्रतिशत की गिरावट

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2013-14 में रेल हादसों की संख्या 118 थी, जो 2023-24 में घटकर 40 हो गई है। मंत्री ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच 1,711 रेल हादसे दर्ज किए गए थे। इनमें 904 लोगों की मौत हुई थी। वहीं एनडीए के 10 साल के शासन में 678 हादसे हुए हैं जिनमें 748 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि हादसों की संख्या में 60 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि मरने वालों की संख्या में 17 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

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रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे के लिए सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। 2022-23 में रेलवे ने सुरक्षा पर 87,736 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जोकि 2024-25 में बढ़कर 1,08,795 करोड़ हो गया है। वहीं 9,572 कोच में सीसीटीवी लगाए गए हैं।

वहीं भारतीय रेलवे ने ट्रेनों में बेबी बर्थ का परीक्षण शुरू किया है। इसके लिए लखनऊ मेल के कोच में दो बेबी बर्थ लगाए गए हैं। ताकि बच्चों के साथ यात्रा करने वाली महिलाओं का सफर आसान हो सके। यात्रियों से मिली शुरुआती प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है। हालांकि जगह की कमी की वजह से यात्रियों ने असहजता की शिकायत की है।

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