जिस 150 साल पुराने पुल से अंग्रेजों ने चलाई थीं गोलियां, वो गंगा में गिरा, जानें इतिहास
Kanpur Bridge Collapsed Ganga: यूपी के कानपुर में 150 साल से ज्यादा पुराना ऐतिहासिक गंगा पुल एक हिस्सा भरभराकर नदी में गिर गया। यह पुल पिछले 4 सालों से बंद पड़ा था। यह उन्नाव के शुक्लागंज को कानपुर से जोड़ता था। पुल ढहने से आसपास के इलाकों में कोलाहल की स्थिति बन गई। इस पुल की खासियत थी कि इस पर ऊपर वाहन चलते थे और नीचे साइकिल और पैदल सवार गुजरते थे। कहा जाता है अंग्रेजों के समय यह पुल कानपुर से लखनऊ जाने वालों के लिए रास्ता हुआ करता था। लोग कानपुर से उन्नाव और फिर लखनऊ जाया करते थे।
चार साल पहले आईआईटी कानपुर की एक टीम ने इस पुल का सर्वेक्षण किया था जिसमें इसको जर्जर मान लिया गया था। पिलर्स में आई दरारों के कारण लोगों की सुरक्षा को देखते हुए पुल को खतरा मानते हुए पीडब्ल्यूडी द्वारा इसे बंद कर दिया गया था। पुल को बंद करने के लिए दोनों छोर पर दीवार उठा दी गई थी और लोगों की आवाजाही भी बंद थी।
100 साल थी पुल की उम्र
यह पुल ब्रिटिश शासन के दौरान अवध और रोहिलाखंड लिमिटेड कंपनी द्वारा 1874 में बनाया गया था। यह लगभग 150 वर्षों तक खड़ा रहा। 1.38 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण इंजीनियर एसबी न्यूटन और सहायक इंजीनियर ई वेडगार्ड ने किया था। दोनों ने इस पुल की उम्र 100 साल तय की थी। कानपुर आईआईटी की एक टीम ने 4 साल पहले पुल को आधिकारिक तौर पर 5 अप्रैल 2021 की आधी रात को बंद कर दिया गया था।
ये भी पढ़ेंः कृपालु महाराज की बेटी की मौत के पीछे साजिश की बू! कार चालक ने दर्ज करवाई FIR
जानें पुल की खासियत
150 साल पुराने इस पुल के निर्माण में 7 साल 4 महीने लगे थे। अंग्रेजों ने इसके निर्माण के लिए मैस्कर घाट पर प्लांट लगाया था। अंग्रेजों ने शुरुआत में यातायात के लिए इसका निर्माण करवाया था। फिर 1910 में ट्रेनों के लिए संचालन के लिए एक रेलवे ब्रिज बनवाया था। जानकारी के अनुसार इस ब्रिज से रोजाना 22 हजार वाहन और 1.25 लाख लोग रोजाना गुजरते थे। इस पुल की चौड़ाई 12 मीटर थी।
ये भी पढ़ेंः संभल में क्यों भड़की हिंसा? पुलिस को जिंदा जलाने की तैयारी, FIR में चौंकाने वाले खुलासे