क्या सपा-बसपा के बीच होगा गठबंधन? अखिलेश यादव ने बेबाकी से दिया जवाब
Akhilesh Yadav Interview: लोकसभा चुनाव के रण में सभी दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। कहा जाता है कि जो उत्तर प्रदेश जीत जाता है वह लोकसभा का 'असली मैदान' भी जीत जाता है। यूपी की 80 सीटों पर मुकाबला काफी दिलचस्प है। जहां एक ओर बीजेपी और एनडीए के सहयोगी दल हैं, तो वहीं दूसरी ओर इंडिया गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और उसके सहयोगी दल... ये सभी एनडीए को शिकस्त देने के लिए जी-जान से जुटे हैं।
सियासी सरगर्मी के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने न्यूज 24 की एडिटर इन चीफ अनुराधा प्रसाद से खास बातचीत की। न्यूज 24 के 'उत्तर प्रदेश मंथन' कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे अखिलेश यादव ने इस दौरान कई सवालों के बेबाकी से जवाब दिए। उन्होंने बसपा से गठबंधन के सवाल पर भी अपनी बात रखी।
गठबंधन के लिए नहीं बचा समय
अखिलेश यादव से पूछा गया कि क्या मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से इस बार भी गठबंधन होगा, क्या बसपा के लिए अभी भी आपके दरवाजे खुले हुए हैं? इन सवालों के जवाब में उन्होंने कहा- अब तो समय जा चुका है। लोकसभा चुनाव में समय नहीं बचा है। शायद 15 तारीख से पहले ही चुनाव की तारीख की घोषणा हो जाएगी। ऐसे में इस सबके लिए समय नहीं है। अगले लोकसभा चुनाव में सोचा जाएगा कि उनसे गठबंधन करना है या नहीं।
राजनीति में आगे बढ़ जाना चाहिए
अखिलेश ने आगे कहा कि हम तो पहले ही उनसे गठबंधन कर चुके थे। मुझे लगता है कि राजनीति में आगे बढ़ जाना चाहिए। जहां उनका नंबर आएगा तब सोचा जाएगा। अखिलेश ने आगे कहा- जहां से हमने अलायंस करना शुरू किया था, अब हम वहीं पर आ गए हैं। अब इस चुनाव में तो गठबंधन करना मुमकिन नहीं होगा क्योंकि बीजेपी जैसी पार्टी से मुकाबला करने और तैयारियों के लिए समय चाहिए। अखिलेश ने आगे कहा कि जिस पार्टी ने संगठन बनाया होगा और जिस पार्टी के कार्यकर्ता बूथ पर मजबूत होंगे। इस लोकसभा चुनाव में जीत उसी को मिलेगी।
क्या 'बुआ' के लिए रास्ते खुले हुए हैं?
इस सवाल के जवाब में अखिलेश ने इशारों-इशारों में बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि मैं ऐसी कोई बात नहीं बोलना चाहता, जिससे किसी दल को नाराजगी हो, लेकिन सुनने में आता है कि उनके प्रत्याशी वही होते हैं, जिससे बीजेपी को लाभ मिले। आप पुराना ट्रैक रिकॉर्ड उठाकर देख लीजिए। इसलिए मुझे लगता है कि फिलहाल इसमें उलझने की जरूरत नहीं है। दरअसल, अखिलेश का इशारा बसपा को बीजेपी की बी-टीम कहने को लेकर था। पिछले कुछ समय से बसपा पर बीजेपी की बी-टीम बनने के आरोप लग रहे हैं।
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