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'पति को अलग रहने को मजबूर करे पत्नी तो...', पढ़ें हाईकोर्ट का अहम फैसला

Allahabad High Court on Divorce Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलाक के एक मामले में पत्नी के खिलाफ फैसला सुनाते हुए पति की तलाक की अर्जी मंजूर कर ली है। कोर्ट ने कहा कि पत्नी की क्रूरता को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
07:39 AM Sep 04, 2024 IST | Rakesh Choudhary
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Allahabad High Court
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Allahabad High Court Decision: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पारिवारिक विवाद में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि जब पत्नी अपने पति के साथ रहने से इनकार कर दे और अलग कमरे में रहने के लिए उसे मजबूर करती है तो यह क्रूरता के समान है। यह कहते हुए कोर्ट ने पति की तलाक की अर्जी मंजूर कर ली।

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पति ने हाईकोर्ट से कहा कि उसकी पत्नी ने उसे अलग कमरे में रहने के लिए मजबूर किया। इतना ही नहीं पत्नी कहती थी कि अगर वह उसके कमरे में आएगा तो वह आत्महत्या कर लेगी। न्यायमूर्ति राजन राॅय और सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने यह फैसला लखनऊ में पति की पारिवारिक मामले में दाखिल अपील को मंजूर करते हुए दिया।

फैमिली कोर्ट ने पति के खिलाफ सुनाया था फैसला

पति ने फैमिली कोर्ट के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती थी। पारिवारिक न्यायालय ने मामले में पति के खिलाफ फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि पत्नी ने तब वैवाहिक संबंध त्याग दिया था, जब वह अलग कमरे में जोर दे रही थी। इससे फर्क नहीं पड़ता कि पत्नी कहां रह रही है? वह चाहे घर में रह रही हो या बाहर।

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2016 में हुआ था विवाह

तलाक की अर्जी के अनुसार, दोनों का विवाह 2016 में हुआ था। महिला की यह पहली शादी थी, जबकि पुरुष की दूसरी शादी थी। 2018 में पति ने फैमिली कोर्ट में यह कहते हुए अर्जी दाखिल की थी कि दोनों के बीच 5-6 महीने ही सामान्य संबंध रहे थे। उसके बाद पत्नी ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया। जनवरी 2023 में फैमिली कोर्ट ने पति के खिलाफ फैसला सुनाते हुए कहा था कि उसने पत्नी की धमकियों का विस्तार से जिक्र तलाक की अर्जी में नहीं किया है। पति ने राहत के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी। हाईकोर्ट ने पत्नी के व्यवहार को क्रूरता बताते हुए तलाक की अर्जी को मंजूर कर लिया।

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Tags :
Allahabad HC divorce ordersAllahabad High Courtdivorce case
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