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83 लाख का बीमा लेने के लिए UP के युवक ने किया खेल, बिहार से बनवाया मां का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट

Uttar Pradesh Crime News: अमेरिकी बीमा कंपनी से 83 लाख रुपये का क्लेम लेने के लिए एक युवक लालच में इस कदर अंधा हो गया कि आप सोच भी नहीं सकते। आरोपी के फर्जीवाड़े की पोल अमेरिकी कंपनी के अधिकारियों की जांच में खुल गई। युवक ने अपनी मां को लेकर कंपनी के सामने चौंकाने वाला दावा किया था।
04:03 PM Jul 01, 2024 IST | Parmod chaudhary
फर्जी डेथ सर्टिफिकेट।
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Bihar Crime News: बिहार में ठगी का अनोखा मामला सामने आया है। एक युवक ने अमेरिकी बीमा कंपनी से क्लेम लेने के लिए अपनी मां को ही मरा हुआ दर्शा दिया। युवक ने बिहार से फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाया और कंपनी में 83 लाख रुपये के लिए क्लेम कर दिया। युवक यूपी का रहने वाला है, जिसने पटना के होटल में आग से अपनी मां के मरने का दावा कंपनी में किया था। कंपनी के अधिकारियों ने जब पटना में आकर जांच की तो पूरा भेद खुल गया। अधिकारियों ने जांच की तो डेथ सर्टिफिकेट फर्जी निकला। जिस महिला का जिक्र डेथ सर्टिफिकेट में था, ऐसी किसी महिला की मौत हादसे में नहीं हुई थी।

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25 अप्रैल को हुई थी 8 लोगों की मौत

पटना के पाल और अमित होटल में 25 अप्रैल को आग लगने के कारण 8 लोगों की मौत हुई थी। पटना कोतवाली इलाके में इस घटना के बाद युवक ने फर्जी दावा क्लेम लेने के लिए कर दिया। हादसे में पुलिस के अनुसार चंद्रकला कुमारी, तेज प्रताप, राहुल कुमार, दिनेश सिंह, किस्कू, रितेश कुमार, राज लक्ष्मी, मिलोनी किस्कू और प्रियंका कुमारी की मौत हुई थी। जिस महिला के नाम पर फर्जी तौर पर इंश्योरेंस लेने की कोशिश की गई, उसका जिक्र न तो पुलिस रिपोर्ट में मिला, न ही अग्निशमन विभाग की रिपोर्ट में। युवक ने फर्जी डेथ सर्टिफिकेट पटना नगर निगम कार्यालय से बनवाया था। जिसके बाद कंपनी को चूना लगाने की कोशिश की।

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फायर ब्रिगेड के दफ्तर में भी उन्हीं लोगों के नाम मिले, जो पुलिस के पास दर्ज थे। सभी मृतकों की पहचान के बाद उनके शव भी परिजनों को सौंप दिए गए थे। जांच में पता लगा कि युवक ने अपनी मां के नाम से फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाया था। लेकिन मृतकों की सूची में उसका नाम नहीं मिला। युवक ने सर्टिफिकेट में महिला का नाम सुमन पाल लिखा था। अमेरिका की बीमा कंपनी नेशनल लाइफ ग्रुप को अंकित नाम के आरोपी ने चूना लगाने की कोशिश की। लेकिन कंपनी अधिकारियों की जांच में पूरा भेद खुल गया। अमेरिकी कंपनी के अधिकारी गिरीश नंदन ने बताया कि आरोपी का दावा नकार दिया गया है। सभी दस्तावेज फर्जी मिले हैं।

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