UP पुलिस को घर में घुसे देख महिला ने दम तोड़ा, गोमांस रखने के आरोप में की थी छापेमारी

Bijnor News: उत्तर प्रदेश में गोमांस रखने के शक में पुलिस की छापेमारी के दौरान एक महिला की घबराहट से मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि पुलिस की कार्रवाई ने डर का माहौल बना दिया, जिससे यह दुखद घटना घटी।

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Bijnor Police Raid News: उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में एक दुखद घटना हुई है। पुलिस गोमांस रखने के शक में छापेमारी करने आई, जिसे देखकर घबराई महिला की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिस को सूचना मिली थी कि महिला के घर में गोमांस है, जिसके लिए पुलिस ने घर की तलाशी ली। इस छापेमारी के दौरान महिला अचानक घबरा गई और उसे ‘पैनिक अटैक’ आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई।

हालांकि तलाशी के दौरान पुलिस को गोमांस नहीं मिला, लेकिन महिला के परिवार का आरोप है कि पुलिस की छापेमारी के कारण घर में भय का माहौल बन गया, जिसके चलते उनकी जान गई। इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और लोगों में रोष फैल गया है। अब इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है, ताकि घटना के असल कारणों का पता चल सके।

क्या था मामला?

घटना उस समय की है, जब पुलिस ने महिला के घर पर गोमांस रखने का संदेह जताते हुए छापा मारा। पुलिस का कहना था कि उन्हें सूचना मिली थी कि घर में गोमांस रखा है, जो कानून के खिलाफ है। जब पुलिस घर पहुंची और तलाशी शुरू की तो घर की महिला इस पूरी प्रक्रिया से बहुत डर गई। पुलिस के अनुसार, तलाशी के दौरान उन्हें कोई गोमांस नहीं मिला।

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घबराहट से हुई मौत

तलाशी के बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी। गवाहों का कहना है कि महिला को अचानक घबराहट हुई और वह बेहोश हो गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने बताया कि महिला की मौत ‘घबराहट’ से हुई, जिसे ‘पैनिक अटैक’ भी कहा जाता है।

परिवार का आरोप

महिला के परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि छापेमारी के दौरान घर में भय का माहौल बना दिया गया था, जिससे महिला को बहुत ज्यादा घबराहट हो गई और उनकी जान चली गई। उनका कहना है कि महिला पहले से ही कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं और इस डर ने उनकी स्थिति को और गंभीर बना दिया।

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पुलिस का बयान

पुलिस ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने कानून के अनुसार छापेमारी की थी और उनका इरादा किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं था। पुलिस का यह भी कहना है कि उन्हें किसी ने गलत सूचना दी थी, जिसके चलते यह छापेमारी की गई।

राजनेताओं का विरोध

वहीं यह घटना अब सवाल खड़े कर रही है कि क्या ऐसे छापों के दौरान सावधानी नहीं बरती जानी चाहिए, ताकि किसी निर्दोष व्यक्ति की जान पर बन न आए। कई सामाजिक संगठनों और राजनेताओं ने इस घटना की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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