अखिलेश के PDA को काउंटर करेगा बीजेपी का दलित-पिछड़ा दांव, उपचुनाव की 4 सीटों पर ओबीसी उम्मीदवार
UP Bypoll News: लोकसभा चुनाव 2024 में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक के दम पर बीजेपी को पछाड़ने वाले अखिलेश यादव के खिलाफ बीजेपी ने दलित-पिछड़े समुदाय पर दांव लगा दिया है। बीजेपी ने उपचुनाव की 9 सीटों में से 7 पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। पार्टी ने इनमें से 5 सीटों पर दलित और ओबीसी उम्मीदवारों को टिकट दिया है। बीजेपी ने सीसामऊ सीट पर उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया, पार्टी ने मीरापुर सीट आरएलडी को दी है।
बीजेपी के उम्मीदवार
बीजेपी ने जिन सात सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं। उनमें गाजियाबाद सदर से संजीव शर्मा, खैर से सुरेंद्र दिलेर, कुंदरकी से रामवीर सिंह, मंझवा सीट से सुचिस्मिता मौर्या, फूलपुर से दीपक पटेल, कटेहरी से धर्मराज निषाद और करहल से अनुजेश प्रताप यादव को प्रत्याशी बनाया है।
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बीजेपी की लिस्ट देखें तो पार्टी ने सबसे ज्यादा चार उम्मीदवार ओबीसी समुदाय से दिए हैं। इसके साथ ही पार्टी ने सवर्ण समुदाय से दो उम्मीदवार उतारे हैं। एक कैंडिडेट ब्राह्मण समुदाय से तो दूसरा ठाकुर समुदाय से हैं। स्पष्ट है कि बीजेपी की कोशिश अपने कोर वोट बैंक के साथ ओबीसी को साधने पर है।
ओबीसी की इन जातियों को मौका
बीजेपी ने कटेहरी सीट से धर्मराज निषाद को टिकट दिया। इस सीट पर समाजवादी पार्टी की शोभावती वर्मा से बीजेपी के कैंडिडेट का मुकाबला होगा। इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी ने भी कुर्मी समुदाय के अमित वर्मा को टिकट दिया है। शोभावती वर्मा अंबेडकर नगर के सपा सांसद लालजी वर्मा की पत्नी हैं।
इसी तरह मझवां सीट पर बीजेपी ने सुचिस्मिता मौर्या को टिकट दिया है। इनका सामना सपा की ज्योति बिंद से होगा। वहीं फूलपुर सीट पर बीजेपी ने दीपक पटेल को टिकट दिया है। इनके सामने सपा के मुज्तबा सिद्दीकी चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी 2017 और 2022 में फूलपुर में जीत हासिल कर चुकी है।
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खैर सीट पर दलित उम्मीदवार
बीजेपी ने ओबीसी के साथ ठाकुर, ब्राह्मण और दलित का समीकरण बनाने की कोशिश की है। पार्टी ने गाजियाबाद सदर से संजीव शर्मा को टिकट दिया है। संजीव शर्मा पार्टी के महानगर अध्यक्ष हैं। अलीगढ़ की खैर सीट पर बीजेपी ने सुरेंद्र दिलेर को कैंडिडेट बनाया है। दिलेर दलित समुदाय से हैं और ये सीट भी दलित सुरक्षित सीट है।
कुंदरकी सीट पर बीजेपी के रामवीर सिंह का मुकाबला पूर्व विधायक हाजी रिजवान से होगा। रामवीर इस सीट से तीन बार चुनाव लड़े हैं, लेकिन जीत नहीं मिली है। मुस्लिम बहुल सीट होने की वजह से हाजी रिजवान के पक्ष में माहौल दिखता है।
संजय निषाद और राजभर क्या बोले
9 सीटों के उपचुनाव को यूपी में 2027 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। ओबीसी को आगे करके बीजेपी यह संदेश देने की कोशिश में है कि वह सभी समुदायों को साथ लेकर चलने वाली है। हालांकि पार्टी ने एनडीए के सहयोगी निषाद पार्टी और ओम प्रकाश राजभर को कोई सीट नहीं दी है।
निषाद पार्टी के संजय निषाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी के समर्थन का ऐलान किया है। हालांकि ओम प्रकाश राजभर उखड़े हुए हैं। 24 अक्टूबर को लखनऊ में एक कार्यक्रम में ओम प्रकाश राजभर ने कह दिया कि ये बीजेपी 2014 की बीजेपी नहीं है।
लोकसभा चुनाव में पीडीए के दम पर ही अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ मिलकर गठबंधन में 43 सीटें जीती थीं। वहीं बीजेपी को 33 सीटें मिली हैं।