कोई टेंपो तो कोई पुलिस जीप से पहुंचा अस्पताल, सत्संग भवन के बाहर बिछीं लाशें, हादसे का क्या है सच?
Hathras Stampede News : यूपी के हाथरस हादसे ने लोगों का दिल दहला दिया। भोले बाबा के सत्संग में प्रवचन सुनने गए कई लोगों की जान चली गई। धार्मिक कार्यक्रम में अचानक से भगदड़ मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे। इस दौरान भीड़ ने जमीन पर गिरे लोगों को दबा दिया और 134 की मौत हो गई। मरने वाले में सबसे अधिक बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। आइए जानते हैं कि हादसे के बाद क्या रहा मंजर?
भयावह रहा हादसे का मंजर
हाथरस के रतिभानपुर में हादसे के बाद का मंजर बहुत भयावह रहा। सत्संग भवन के बाहर लाशें बिछ गईं। लोग एक दूसरे के ऊपर गिरे पड़े थे। लोग लाशों के बीच में अपनों की तलाश कर रहे थे। किसी को टेंपो तो किसी को पुलिस की जीप से अस्पताल पहुंचाया। आसपास के लोग भी भागकर मौके पर आए और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की।
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क्या है हादसे का सच?
प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, हाथरस के सत्संग में भारी भीड़ जुटी थी। कथा खत्म होने के बाद लोगों को घर जाने की जल्दी थी और कार्यक्रम स्थल से बाहर जाने के लिए रास्ता चौड़ा नहीं था। जाने की जल्दी में लोगों ने एक-दूसरे को पीछे से धक्का दिया और भगदड़ मच गई। हालांकि, पुलिस की जांच के बाद हादसे की सही वजह सामने आएगी।
अमित शाह ने जताया शोक
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए दुखद हादसे से मुझे गहरा दुख हुआ है। इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। ईश्वर उन्हें यह पीड़ा सहने की शक्ति दे। स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
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डिंपल यादव ने शासन-प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार
हाथरस हादसे को लेकर सियासत तेज हो गई। सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि ये पूरी तरह से शासन और प्रशासन की जिम्मेदारी थी कि अगर इतने बड़े स्तर पर कोई आयोजन हो रहा है तो सभी सुविधाएं पहुंचाई जाएं। लेकिन ये लोग कहीं न कहीं विफल रहे हैं और हर क्षेत्र में ये लोग विफल हो रहे हैं।