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'शादीशुदा महिलाएं दूर...' हर समय कुंवारी लड़कियों से घिरा रहता था सूरजपाल, जानें क्यों?

Bhole Baba Like Virgin Girls: हाथरस हादसे के बाद से ही भोले बाबा को रोज नए खुलासे हो रहे हैं। बाबा के सत्संग में जाने वाली महिलाओं ने बताया कि बाबा को लाल रंग बहुत पसंद था। इसके अलावा वो खाना भी कुंवारी कन्याओं के हाथों से ही खाता था।
12:45 PM Jul 11, 2024 IST | Rakesh Choudhary
भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि
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Hathras Stampede: हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद हुए हादसे में 123 लोगों की जान चली गई थी। उसके बाद से ही बाबा और उसके सेवादारों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। पुलिस अब तक कई सेवादारों को अरेस्ट कर चुकी है। हादसे के बाद से भोले बाबा को लेकर निए नए खुलासे हो रहे हैं। सत्संग में बाबा के इर्द-गिर्द हमेशा कुंवारी लड़कियां ही होती थी। सेवादारों की ओर से उनको स्पेशल लाल रंग की पौशाक दी जाती थी। ये खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि महिलाओं ने ही किया है।

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महिलाओं ने बताया कि वे बाबा के सत्संग में लाल रंग की ड्रेस पहनकर जाती थीं। उन्होंने बताया कि सत्संग के दौरान बाबा हमेशा काले रंग का चश्मा पहनता था। कुंवारी लड़कियों को बाबा में भगवान नजर आते थे। महिलाओं ने कई ऐसे खुलासे किए हैं जिन्हें वो बताने से कतराती है। वे शर्मिंदगी से अपना मुंह फेर लेती हैं। जानकारी के अनुसार कुंवारी लड़कियां उसे अपना पति मानती थीं। ये लड़कियां उसका बहुत सम्मान करती थीं और उसकी एक पुकार पर कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहती थीं।

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कुंवारी लड़कियां थीं बाबा की शिष्याएं

वहीं बाबा के अनुयायी ने बताया कि आश्रम में महिलाओं की अलग-अलग श्रेणियां थीं। कुंवारी लड़कियां बाबा की शिष्याएं हुआ करती थीं। उनके शिष्य बनने के लिए वे विशेष दीक्षा लेती थीं। वहीं सुहागिन महिलाएं केवल भोले बाबा के दर्शन कर पाती थीं। उन्हें दूर रखा जाता था। वो महिलाओं को अपने पास नहीं आने देता था। वहीं महिला ने बताया कि बाबा को लाल रंग बहुत पसंद था। कुंवारी लड़कियां लाल रंग के कपड़े पहनकर बाबा के सत्संग के दौरान नाचती थीं। डांस करने के बाद लड़कियां अपने कपड़े बदल लेती थीं।

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सूरजपाल का सारा काम भी लड़कियां ही संभालती थीं। बाबा लड़कियों द्वारा तैयार किए गए विशेष नीम के पानी से नहाता था। पानी में परफ्यूमए इत्र जैसी चीजें मिलाई जाती थीं। इतना ही नहीं लड़कियां ही बाबा को खाना खिलाती थी।

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Bhole Babahathras incidentnarayan sakar hariSuraj Pal Jatav
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