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Hathras Stampede: सत्संग पंडाल में हादसे से पहले की तस्वीर, बाबा की एक गलती...और गूंज उठी चीखें

Hathras Stampede News: हाथरस घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बाबा के जाने से पहले स्थिति ठीक थी। लेकिन जैसे ही बाबा का काफिला निकला, लोगों में भगदड़ मच गई। बताया जा रहा है कि उमस और गर्मी के कारण लोग भागने लगे। उस समय सत्संग के समापन का कार्यक्रम चल रहा था।
08:24 PM Jul 02, 2024 IST | Parmod chaudhary
Hathras Stampede News
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Uttar Pradesh Stampede: उत्तराखंड के हाथरस में मची भगदड़ में अब तक 134 लोगों के मारे जाने की जानकारी सामने आ चुकी है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बाबा के जाने से पहले सब सही था। लेकिन जैसे ही पंडाल स्थल से बाबा का काफिला निकला, लोग बेकाबू हो गए। एकदम से भगदड़ मच गई। गर्मी और उमस के कारण भी लोग बेचैन होकर भागने लगे। हाथरस के रतिभानपुर इलाके में सत्संग के समापन का काम आखिरी दौर में था। लेकिन तभी भगदड़ मच गई। एक खेत में आयोजन चल रहा था। पंडाल में आगे हजारों की संख्या महिलाएं बैठी थीं। कुछ महिलाएं उत्साह में पंडाल के खंभों पर भी चढ़ी हुईं थीं। लोगों को गर्मी से बचाने के लिए कोई खास प्रबंध नहीं किए गए थे।

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हादसे से पहले कैसा था माहौल?

दोपहर को करीब एक बजकर 45 मिनट पर बाबा का काफिला आयोजन स्थल से बाहर निकला। तब अनुयायियों को रोक लिया गया था। लेकिन जैसे ही काफिला निकला, इसके बाद अनुयायी एकदम से भागने लगे। बताया जाता है कि बाबा अपनी बीवी के साथ प्रवचन करते हैं। लोगों के मुताबिक बाबा के जाने के बाद लोग सम्मान के प्रतीक के रूप में माथे पर 'मिट्टी' लगाते हैं, जहां से बाबा का वाहन गुजरता है। बताया जा रहा है कि ऐसा करने के लिए ही लोग उतावले हो गए। जिसके कारण भगदड़ मच गई।

वहीं, गर्मी और उमस को भी घटना के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। लोग भीषण गर्मी से परेशान थे। भीड़ में कई लोगों का दम घुट गया और वे वहीं गिर गए। लोग एक-दूसरे को रौंदकर भागने लगे। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है?

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यह भी पढ़ें:Hathras Stampede: सत्संग में क्यों जुटी इतनी भीड़? कहां से मिली परमिशन, हाथरस हादसे पर उठे सवाल

एक युवती ने बताया कि लोग जल्दी में निकलने की कोशिश कर रहे थे। जिस कारण एकदम से माहौल बेकाबू हो गया। लोग बिना देखे एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे। कोई गाइड करने वाला नहीं था, न ही कोई बचाने वाला। सब ओर चीख पुकार मची थी। कुछ लोग गिरे थे, कुछ लोग उनको कुचलकर आगे बढ़ रहे थे। सत्संग में यूपी ही नहीं, राजस्थान, हरियाणा और एमपी के लोग भी आए थे। भीड़ इतनी थी कि 3 किलोमीटर तक वाहन फैले हुए थे। सीएम ने अधिकारियों को जांच के आदेश देते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है।

बाबा लोगों को इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व अधिकारी बताते हैं। बाबा की सुरक्षा में विशेष सेवादार तैनात रहते हैं और बाबा अपने सत्संग में जल को प्रसाद के रूप में वितरित करवाते हैं। बाबा के आयोजन इतने बड़े होते हैं कि तय डेट से 15 दिन पहले ही योजना, व्यवस्था शुरू हो जाती है।

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