'हिप्नोटाइज किया, किसी की नहीं सुनी', पूर्व मिस इंडिया 2 घंटे तक कैसे रही डिजिटल अरेस्ट? खुद बताई पूरी कहानी
Shivankita Dixit Digital Arrest: देशभर में डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। लोग अब अपने घर में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे। आगरा में पूर्व मिस इंडिया वेस्ट बंगाल 2017 रहीं शिवांकिता दीक्षित के मामले के बाद ये चिंता और बढ़ गई है। शिवांकिता को 2 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर उसके खाते से 99 हजार ट्रांसफर करवा लिए। शिवांकिता का कहना है कि उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। ऐसा लग रहा था कि मानो मुझे हिप्नोटाइज किया गया है। मैं किसी की भी नहीं सुन रही थी। शिवांकिता ने इस डिजिटल अरेस्ट की पूरी कहानी बताई है।
बताया साइबर क्राइम का केस
न्यूज 24 से बातचीत में शिवांकिता ने कहा- कल मेरे पास करीब 2.30 बजे एक कॉल आया। उधर से एक शख्स ने कहा कि आपके नंबर से इलीगल एक्टिविटीज चल रही हैं। इसलिए इसे ब्लॉक कर दिया जाएगा। ये एक इमरजेंसी केस है। जैसे ही मैंने इस कॉल को रिकॉर्ड किया, तो उन्होंने कहा कि आप कॉल रिकॉर्ड क्यों कर रहे हैं। ये साइबर क्राइम का केस है और हम आपका कॉल साइबर पुलिस को ट्रांसफर कर रहे हैं। इस पर मैंने कहा कि ठीक है। आप बताइए कि मुझे अपनी कम्प्लेन देने के लिए क्या प्रॉसेस फॉलो करना है?
ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस के बारे में दी जानकारी
इसके बाद तुरंत मेरे पास वॉट्सएप पर एक वीडियो कॉल आया। जिसमें उन्होंने मुझसे मेरी जानकारी मांगी। फिर उन्होंने बताया कि आपके नाम से एक सिम निकाली गई है। हो सकता है आपका आधार कार्ड लीक हुआ हो। जिससे सिम निकाली गई हो। अब इससे अवैध गतिविधि हो रही है। इसके बाद उन्होंने कनॉट प्लेस की किसी शॉप का एड्रेस बताकर कहा कि यहां आपकी आईडी लीक हुई है। आपके नाम से यहीं सिम इश्यू की गई है। जिससे हैरेसमेंट और ह्यूमन ट्रैफिकिंग हो रही है। बच्चों को किडनैप कर उनके ऑर्गन बेचे जा रहे हैं। यहां तक कि दो फैमिलीज ने भी इसी केस के चलते सुसाइड कर लिया है। आपका एचडीएफसी का एक अकाउंट भी खुला हुआ है। जिसके जरिए अवैध गतिविधियों के लिए पैसे का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि ये 300 लोगों का एक गिरोह है। जिसमें कई बड़े नेता भी शामिल हैं।
रैकेट को पकड़वाने में करें मदद
आगे उन्होंने बताया कि हम इस रैकेट को पकड़ने के लिए काफी दिनों से कोशिश कर रहे हैं। आज ये मौका मिला है। आप हमें इस रैकेट को पकड़ने के लिए मदद करें। वीडियो कॉल पर बात करने वाला शख्स हूबहू पुलिस ऑफिसर जैसा नजर आ रहा था और उसके बैकग्राउंड में भी फ्लैग और पुलिस के ऑफिस का माहौल था। उसके बाद उन्होंने अपना वीडियो बंद कर दिया। जबकि मुझसे कहा कि आप अपनी डेली एक्टिविटी करती रहिए।
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आजीवन कारावास का डर
दो घंटे तक हम आपको इंवेस्टीगेट करेंगे। हमें पता है कि आप इनोसेंट हैं। फिर भी हम आपको सस्पेक्ट की तरह ट्रीट करेंगे। आपको इस इंवेस्टीगेशन में हेल्प करनी होगी। उन्होंने यहां तक कहा कि आप इस मैटर को कॉन्फिडेंशियल रखेंगी, नहीं तो आपको आजीवन कारावास की सजा तक हो सकती है। उन्होंने कम से कम पांच लोगों से बात करवाई। मुझसे किसी लेडी ने भी बात की। उन्होंने मुझसे मेरा फाइनेंशियल स्टेटस पूछा। ये भी पूछा कि आपका इनकम सोर्स क्या है और आप एक साल में कितने पैसे कमाती हैं। आपके पिता और भाई क्या करते हैं।
आधार कार्ड लेकर मांगे पैसे
उन्होंने मेरा आधार कार्ड लिया। इसके बाद उन्होंने कहा कि जब तक आप अपने बैंक अकाउंट से अमाउंट भेजेंगी नहीं, तब तक उसे ट्रैक करना मुश्किल होगा। आपको अपने बैंक का 99 प्रतिशत पैसा हमारे अकाउंट में भेजना होगा। आपकी ट्रैकिंग आईडी से ही हम दूसरी आईडी को ट्रैक कर अपराधियों का पता लगा पाएंगे।
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करियर हो जाएगा बर्बाद
वो बैंक अकाउंट 'अंडर द टेबल' काम करेगा। आप इस बारे में किसी को नहीं बताएंगी। किसी से भी बात नहीं करेंगी, वर्ना आपका करियर तबाह हो जाएगा। आपको जेल हो जाएगी। उन्होंने मुझसे 2.50 लाख रुपये ट्रांसफर कराने की बात कही, लेकिन मैंने 99 हजार रुपये ही ट्रांसफर किए क्योंकि एक बार में इससे ज्यादा नहीं होते। इसके बाद मैंने 25 हजार रुपये ट्रांसफर करने की भी कोशिश की, लेकिन ये डिक्लाइन हो गया। फिर उन्होंने मुझसे ये तक कहा कि आप अपने पेरेंट्स से ट्रांसफर कराइए। झूठ बोलकर या कैसे भी, ये कहकर कि कोर्स फीस सब्मिट करनी है, उनसे पैसे ले लीजिए। नहीं तो आपकी फैमिली को भी दिक्कत हो सकती है। उन्होंने मुझे यहां तक इमोशनल ब्लैकमेल किया कि इससे आपको पता चल जाएगा कि मुश्किल वक्त में आपके साथ कौन-कौन खड़ा है।
दिखाया ये डर
फिर मैंने अपने पिता से बात की। जैसे ही मैं कमरे से बाहर उनसे पैसे के बारे में पूछने गई तो पापा नहा रहे थे। मैं पूरी तरह से कांप रही थी। जैसे ही मैंने पापा से ये सब कहा तो उन्होंने मुझे बताया कि तुम्हारी दो लाख की एफडी थी, लेकिन अब नहीं है। फिर मैंने फ्रॉडस्टर्स को ये सब बताया तो उन्होंने कहा कि आपको कल सुबह तक का टाइम दिया जा रहा है, आप पैसा अरेंज कर लीजिए। अगर आप कल तक पैसा नहीं देंगी, तो अंडर सर्विलांस रहेंगी और आपके दोनों फोन ट्रैक होते रहेंगे। मुझे ऐसा लग रहा था कि हिप्नोटाइज कर लिया गया है। कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।
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फैमिली को ही करा दिया चुप
यहां तक कि मेरी फैमिली मुझसे चिल्ला-चिल्लाकर कह रही थी कि वे फ्रॉड हैं, लेकिन मैंने उल्टा उन्हें ही चुप करा दिया कि पापा उन्होंने मुझे ये सब बताने के लिए मना किया है। अगर मैंने उन्हें कुछ भी बता दिया तो मैं जेल चली जाऊंगी। आप ऐसा मत करो। फिर मेरे भाई ने मेरा फोन लेकर उसे डिस्कनेक्ट कर दिया। तब भी उनका मैसेज आया कि आपका फोन डिस्कनेक्ट हो गया है, कॉल बैक करें। उसके बाद हमने साइबर सेल में इसकी शिकायत दी।
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इस तरह बचें डिजिटल अरेस्ट से
- अगर आपके पास किसी पुलिस अधिकारी के नाम से कोई कॉल आए तो घबराएं नहीं।
- हड़बड़ाएं बिलकुल भी नहीं। पुलिसकर्मी बनकर बात कर रहे शख्स से उसके बारे में जानकारी लें।
- भारतीय पुलिस किसी भी तरह का पैसा ट्रांसफर नहीं कराती है। ये फ्रॉड होने का सबसे बड़ा संकेत है।
- किसी भी मामले में आपका नाम लिया जा रहा है तो आप नजदीकी पुलिस स्टेशन जाकर इसकी जानकारी लें। किसी जान-पहचान वाले वकील से भी बात कर सकते हैं।
- किसी भी अननोन नंबर से वॉयस कॉल या वीडियो कॉल न उठाएं। साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर इसकी जानकारी दे सकते हैं।
- इसके बावजूद गलती से पैसे ट्रांसफर कर दिए गए हैं तो अपनी बैंक को सूचना दें। बैंक इस ट्रांजेक्शन को रोक सकता है।
- किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। संदिग्ध लगने वाली एप को फोन में इंस्टॉल न करें।
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