खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

8 दिन तक पोस्टमार्टम का इंतजार करता रहा 'मुर्दा', यूपी पुलिस और अस्पताल की लापरवाही की हद

Bundelkhand delay in post mortem: बुंदेलखंड के महोबा में तबीयत खराब होने पर इकबाल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि उन्हें इकबाल से मिलने नहीं दिया। 3 मार्च को इकबाल की मौत हो गई। लेकिन उसकी मौत के 8 दिन बाद 11 मार्च तक पुलिस शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाया गया।
11:19 PM Mar 11, 2024 IST | Amit Kasana
Advertisement

Bundelkhand delay in post mortem (कफील अहमद): बुंदेलखंड के महोबा में पुलिस की संवेदनहीनता का मामला सामने आया है। यहां एक मुर्दा 8 दिनों तक अपने पोस्टमार्टम का इंतजार करता रहा। पुलिस की इस लापरवाही को लेकर मृतक के परिजनों ने सवाल खड़े किए हैं। परिजनों का कहना है कि यूपी की पुलिस से जीवित व्यक्ति ही न्याय के लिए नहीं भटक रहा बल्कि एक मुर्दे को भी 8 दिन तक अपने पोस्टमार्टम का इंतजार करना पड़ा है। परिजनों के हंगाम के बाद सोमवार को शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। परिजनों ने जिला अस्पताल स्टाफ और कोतवाली पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। जानकारों का कहना है नियम है कि किसी भी शव का मरने के तीन दिन के भीतर पोस्टमार्टम कर दिया जाना चाहिए।

Advertisement

पुलिस ने दी मौत की सूचना

यह घटना बुंदेलखंड के महोबा की है। यहां कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत नैकानापूरा में 40 वर्षीय निवासी इकबाल रहता था। तबीयत खराब होने पर 22 फरवरी को उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि उन्हें इकबाल से मिलने नहीं दिया। पूछने पर उन्हें कहा गया कि वह इलाज के लिए कहीं और चला गया है। परिजनों का कहना है कि 3 मार्च को ही इकबाल की मौत हो गई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी हाउस में सुरखित रखवा दिया गया है। परिजनों का आरोप है कि उसके बाद 11 मार्च तक पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाया।

अस्पताल का पक्ष

परिजनों का आरोप है कि इकबाल की मौत के पीछे कोई साजिश है। उनका आरोप है कि अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इकबाल की फर्जी एंट्री की गई है। वहीं, इस पूरे मामले को लेकर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर पवन अग्रवाल ने कहा कि शव रखे होने की सूचना पुलिस को दे दी गई थी। पुलिस ने मृतक के परिवार को तलाश कर पोस्टमार्टम कराया है। मामले में किसी प्रकार की लापरवाही नही की गई है।

Advertisement

मामले में जांच की मांग

वहीं, मामले में नैकानापुरा वार्ड सभासद जिशान कहा कि उन्होंने खुद अस्पताल में जाकर मृतक को भर्ती कराया गया था और उसका पता भी दर्ज कराया गया मगर इसके बावजूद भी हुई लापरवाही से 8 दिन तक शव मोर्चरी हाउस में रखा रहा। वहीं, इस संवेदनशील मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता योगेश यादव ने कहा है कि सरकार की जिम्मेदारी है कि प्रत्येक नागरिक की स्वास्थ्य और सुरक्षा की व्यवस्था करें। लेकिन जिला अस्पताल की लापरवाही से शव पोस्टमार्टम के लिए आठ दिन तक पड़ा रहा।

Advertisement
Tags :
Crime NewsUttar Pradesh Police
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement