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पूर्व सांसद जयाप्रदा को कोर्ट से बड़ी राहत, आचार संहिता उल्लंघन के मामले में बरी

UP Code of Conduct Violation Case: पूर्व सांसद जयाप्रदा को बड़ी राहत मिली है। जयाप्रदा के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज था। जिसके बारे में कोई सबूत नहीं मिले। कोर्ट ने अब अपना फैसला सुना दिया है। विस्तार से इस मामले के बारे में जानते हैं।
03:52 PM Oct 16, 2024 IST | Parmod chaudhary
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Code of Conduct Violation Case: पूर्व सांसद जयाप्रदा को कोर्ट ने बरी कर दिया है। आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कोर्ट ने बुधवार को साक्ष्यों के अभाव में पूर्व सांसद जयाप्रदा को बड़ी राहत प्रदान की। इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रही थी। आचार संहिता उल्लंघन का यह मामला 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान स्वार थाने में दर्ज किया गया था। बता दें कि बुधवार को पूर्व सांसद जयाप्रदा कोर्ट में पेश हुईं। जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। जयाप्रदा के अधिवक्ता ने बताया कि जयाप्रदा को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया है। जयाप्रदा के खिलाफ आचार संहिता लगे होने के दौरान एक सड़क का उद्घाटन किए जाने का आरोप था।

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इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसके बाद रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में मामले का ट्रायल चल रहा था। इस मामले में कोर्ट को उनके खिलाफ सबूत नहीं मिले। इससे पहले भी जयाप्रदा के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का केस दर्ज हुआ था। लेकिन कोर्ट ने इस मामले में भी उनको बरी कर दिया था। आरोप है कि सपा नेता आजम खां के खिलाफ उन्होंने आपत्तिजनक भाषण दिया था। जिसके बाद 2019 में केमरी थाने में उन पर मुकदमा दर्ज हुआ था। लेकिन इस मामले में किसी ने गवाही नहीं दी। जिसके बाद कोर्ट ने उनको बरी कर दिया था।

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पहले एक मामले में हो चुकीं बरी

बुधवार को रामपुर कोर्ट में सुनवाई के दौरान पूर्व सांसद जयाप्रदा खुद भी मौजूद रहीं। इससे पहले जो केस केमरी थाने में दर्ज हुआ था। उसके अनुसार जयाप्रदा ने 2019 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पिपिलिया गांव में एक जनसभा की थी। जिसमें आजम खां ही नहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ अमर्यादित भाषा बोलने के आरोपी उन पर लगे थे। 2019 में जयाप्रदा ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। तब आजम खां सपा के टिकट पर मैदान में थे। तब उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था। इस दौरान लंबे समय तक जयाप्रदा कोर्ट में हाजिर नहीं हुई थी। जिसके बाद उनके खिलाफ लगभग 7 बार गैरजमानती वारंट जारी हुआ था।

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