कभी प्रियंका गांधी के थे करीबी, अब ममता बनर्जी की पार्टी से UP में लड़ेंगे लोकसभा चुनाव; कौन हैं ललितेशपति त्रिपाठी?
Laliteshpati Tripathi Bhadohi Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने 15 मार्च को अपनी तीसरी लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में 6 प्रत्याशियों के नाम थे। चौंकाने वाली यह रही कि सपा ने भदोही सीट को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के लिए छोड़ दी। अब यहां से टीएमसी ने ललितेशपति त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार बनाया है। आइए, जानते हैं ललितेशपति त्रिपाठी कौन हैं और उनका सियासी सफर अबतक कैसा रहा...
ललितेशपति त्रिपाठी ने टिकट मिलने पर क्या कहा?
ललितेशपति त्रिपाठी ने भदोही से टिकट मिलने पर कहा कि मां-माटी-मानुष की लड़ाई को भदोही की पावन जनता के साथ लड़ने का सौभाग्य मुझे देने के लिए ममता दीदी का धन्यवाद। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का अत्याचारी हुकूमत के विरुद्ध टीएमसी का सशक्त विकल्प जैसे सहर्ष स्वागत करने पर विशेष आभार। त्रिपाठी ने नारा भी दिया- करेंगे, लड़ेंगे, और जीतेंगे!
कौन हैं ललितेशपति त्रिपाठी?
ललितेशपति त्रिपाठी यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के परिवार से हैं। वे 2012 में मीरजापुर की मड़िहान विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर मीरजापुर संसदीय सीट से अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद ललितेशपति ने 2021 में कांग्रेस का 'हाथ' छोड़कर टीएमसी का दामन थाम लिया। उन्होंने ममता बनर्जी की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली।
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कमलापति त्रिपाठी की चौथी पीढ़ी हैं ललितेशपति
बता दें कि कमलापति त्रिपाठी के बेटे लोकपति त्रिपाठी 5 बार विधायक रहे। उनकी बहू चंद्रा भी चंदौली से सांसद रहीं। उनके पौत्र राजेशपति त्रिपाठी भी कई बार चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें जीत नसीब नहीं हुई। कमलापति त्रिपाठी की चौथी पीढ़ीललितेशपति त्रिपाठी हैं।
प्रियंका गांधी के करीबी थे ललितेशपति त्रिपाठी
बता दें कि ललितेशपति पहले कांग्रेस में थे। उन्होंने सितंबर 2021 में पार्टी से इस्तीफा देकर टीएमसी का दामन थाम लिया। उन्हें प्रियंका गांधी का करीबी माना जाता था। उन्होंने हाल ही में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की थी, जिसके बाद से ही यह संभावना जताई जा रही थी कि उन्हें लोकसभा का टिकट दिया जा सकता है।
सपा ने अपने कोटे से तृणमूल कांग्रेस को दी सीट
सपा ने अपने कोटे की 63 सीटों में से तृणमूल कांग्रेस को यह सीट दी है। सपा इस बार कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ रही है। पिछली बार उसने बसपा के साथ चुनाव लड़ा था, जिसमें उसे 5 और बसपा को 10 सीटों पर जीत मिली थी।
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस पाने की कोशिश में जुटी टीएमसी
बता दें कि टीएमसी भले ही बंगाल में 2011 से लगातार सत्ता में है, लेकिन राष्ट्रीय राजनीति में उसकी पैठ अन्य राज्यों में न के बराबर है। यही वजह है कि उससे 2016 में मिला राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी पिछले साल छीन लिया गया। अब ममता बनर्जी को कोशिश अन्य राज्यों में भी टीएमसी का विस्तार करने की है। ललितेशपति त्रिपाठी को टिकट मिलना इसी प्रयास से जोड़कर देखा जा रहा है।
टीएमसी का गठन कब हुआ?
ममता बनर्जी ने एक जनवरी 1998 को टीएमसी का गठन किया। टीएमसी ने 1998 के लोकसभा चुनाव में 7, 1999 में 8, 2004 में 19 और 2014 में 34 और 2019 में 22 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, 2011, 2016 और 2021 में हुए बंगाल विधानसभा चुनाव में पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की थी।
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