वो रोया हाथ जोड़ गिड़गिड़ाया लेकिन...लखनऊ बिल्डिंग हादसे की असली वजह चौंकाने वाली

Building Collapsed In Lucknow: लखनऊ में बिल्डिंग ढहने से 8 लोगों की मौत हो गई, लेकिन हादसे की वजह सिर्फ बारिश नहीं, एक और बड़ा कारण है। हादसे में 27 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। आइए जानते हैं कि हादसे का दूसरी बड़ी वजह क्या है?

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Lucknow Building Collapsed

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Lucknow Building Collapsed Inside Story: उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में बीती शाम भारी बारिश ने खौफनाक मंजर दिखाया। कई दिन से हो रही बारिश के कारण ट्रांसपोर्ट नगर में बनी 3 मंजिला बिल्डिंग हरमिलाप की नीवें कमजोर हो चुकी थीं और बिल्डिंग धंसने भी लगी थी, लेकिन न प्रशासन ने और न ही उन 4 कपंनियों ने ध्यान दिया, जिनके गोदाम इस बिल्डिंग में थे। बस फिर किया था, हादसा हो गया। बिल्डिंग में काम करने वाले लोग अपने रुटीन में व्यस्त थे कि एक 10 टायरा ट्रक माल अनलोड करने आया और मोड़ काटते समय वह एक पिलर से टकरा गया।

बताया जा रहा है कि टक्कर इतनी जोरदार थी कि पिलर गिर गया और उसके साथ बिल्डिंग ध्वस्त हो गई। लापरवाही और अनदेखी इतनी महंगी पड़ी कि करोड़ों का नुकसान तो हुआ ही, लोगों की जान भी चली गई। पुलिस के अनुसार, बिल्डिंग ढहने की वजह बारिश के साथ-साथ लापरवाही भी रही। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के आदेश देकर जांच रिपोर्ट तलब की है। देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी हादसे पर शोक जताया। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार और ADG लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश हादसास्थल पर पहुंचे।

 

मुश्किल से बचाई गई एक शख्स की जान

पुलिस सूत्रों के अनुसार, हादसे के समय बिल्डिंग के अंदर करीब 40 लोग काम कर रहे थे, जो मलबे के नीचे दब गए। इनमें से 8 लोगों के शव मिले हैं और बाकी लोगों को घायल अवस्था में बिल्डिंग से निकाला गया। वहीं एक शख्स की जान बड़ी मुश्किल से बचाई गई। वह ग्रिल के नीचे दबा था और उसकी टांगें ग्रिल में फंसी थी। वह बुरी तरह घायल था, उसकी टांग काफी चोटिल हो गई थी। सिर से भी खून बह रहा था।

NDRF की टीम के एक सदस्य ने इस घटनाक्रम के बारे में बताया कि अपनी हालत देखकर वह शख्स घबरा गया था। उसे लगा कि वह मर जाएगा, इसलिए वह हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगा। बड़ी मुश्किल से करीब एक घंटा उसकी हिम्मत बंधाए रखी और ग्रिल काटकर उसे निकाला गया। अगर थोड़ी देर और हो जाती तो उसकी जान जा सकती थी। उसे भी अन्य घायलों के साथ लोकबंधु हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

 

व्यापार मंडल के प्रवक्ता ने जताई नाराजगी

बता दें कि हरिमिलाप बिल्डिंग किसी मुकेश सिंघल की है और इसका नक्शा साल 2010 में पास हुआ था, यानि इमारत 14 साल पुरानी थी। यह करीब 10 हजार स्क्वेयर फीट एरिया में बनी हुई है। इस बिल्डिंग में मेडिसन, इंजन ऑयल कंपनियों के गोदाम समेत 4 गोदाम थे। हालांकि हादसे को लेकर कंपनियों का बयान सामने नहीं आया है। ट्रांसपोर्ट नगर व्यापार मंडल एवं वेयर हाउस के प्रवक्ता राजनरायण सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

उन्होंने कहा कि कई बार प्रशासन अधिकारियों को बिल्डिंग की हालत के बारे में बताया गया, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। हादसे को बिल्डिंग में काम करने वाले गोंडा के दीपक कुमार ने आंखों से देखा। ट्रक की टक्कर से जैसे ही पिलर टूटा और बिल्डिंग को धंसते देखा वह सबको बाहर निकलने का कहते हुए दौड़कर बाहर आ गया, लेकिन लोगों के निकलने से पहले बिल्डिंग भरभराकर गिर गई।

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