Mathura: वृंदावन में जुटे देश विदेश के संत, श्री कृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति के लिए अपनी आवाज की बुलंद
International Parliament Of Religions In Vrindavan: बुधवार को वृंदावन स्थित केशवधाम में अंतरराष्ट्रीय धर्म संसद में शामिल हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि अगर मोदी प्रधानमंत्री ना होते तो आज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा ना होती।
उन्होंने श्री कृष्ण जन्मभूमि वाद के पैरोकार एडवोकेट महेंद्र प्रताप की सराहना करते हुए कहा कि धन्य है वह माता-पिता जिन्होंने इनको जन्म दिया अवध में राम विराज गए हैं। संभल में भगवान कल्कि के मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है और अब बहुत जल्द मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि के मंदिर का निर्माण भी होगा। इस दौरान एडवोकेट महेंद्र प्रताप ने श्री कृष्ण जन्मभूमि पर बना रही फिल्म का टीचर भी रिलीज किया।
संतों ने रखे अपने विचार
अंतर्राष्ट्रीय धर्म संसद में शामिल हुए तमाम संतों ने अपने विचार रखें। इसी में स्पेन से आए उमेश योगी जी महाराज ने कहा कि यह सामान्य धर्म संसद नहीं है। इस धर्म संसद से श्री कृष्ण जन्मभूमि के निर्माण का रास्ता खुलेगा। भारत ही नहीं विदेश में हिंदू संगठन बनाए जा रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में 90 हजार लोगों का हिंदू संगठन है, जो सनातन की रक्षा के लिए काम कर रहा है।
श्री कृष्ण दास जी महाराज ने कहा कि हमारी लड़ाई 13.37 एकड़ को लेकर नहीं है, लेकिन 2.5 एकड़ में जो मस्जिद बनी हुई है उसे लेकर है। क्योंकि 2.5 एकड़ में ही भगवान श्री कृष्ण का मूल गर्भ ग्रह है और हमें भगवान श्री कृष्ण का वास्तविक स्थान चाहिए। इसका संदेश प्रयागराज कुंभ में आने वाले संतों तक भी पहुंचाया जाएगा।
तो वहीं, बाबा कर्म योगी जी महाराज ने कहा कि सनातन को एकजुट करने और अपने मंदिर का मूल गर्भ ग्रह पाने के लिए हमारे कदम आज आगे निकल चुके हैं, लेकिन वह डगमगाए नहीं इसके लिए हर सनातनी को घर-घर कर जाकर जागना होगा।
संतों ने कहा कि मुगलों ने हमारे हर धार्मिक स्थल पर प्रहार किया और जहां-जहां हमारे मंदिर थे, उन्हें तोड़कर मस्जिदों का निर्माण किया। इसके लिए हम लड़ रहे हैं। 4 लाख मंदिरों का पुनर्निर्माण करना है, जिनको तोड़कर मस्जिद बनाई गई है।
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