योगी सरकार के दो मंत्रियों में छिड़ी वर्चस्व की लड़ाई? दारा सिंह बोले- राजभर नहीं, PM मोदी हैं सबसे पावरफुल नेता
Mau Ghosi Lok Sabha Seat: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के दो मंत्रियों में वर्चस्व की लड़ाई देखने को मिल लड़ी रही है। दोनों एक ही जिले और संसदीय सीट पर अपना वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। लिहाजा, अब दोनों आमने-सामने आ गए हैं। हम बात कर रहे हैं ओम प्रकाश राजभर और दारा सिंह चौरान की... जो हाल ही में योगी सरकार में शामिल हुए हैं।
ओम प्रकाश राजभर का वीडियो वायरल
दरअसल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मंत्री ओम प्रकाश राजभर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे कह रहे हैं कि किसी थाने पर जाओ तो पीला गमछा गले में लगाकर जाओ। पुलिस को तुम्हारी शक्ल में ओम प्रकाश राजभर नजर आएगा। यह है पावर। दारोगा जी को जाकर बता देना कि मंत्री जी भेजे हैं। दारोगा जी के पास इतनी पावर तो है नहीं कि मंत्री को फोन करे और पूछे कि आपने भेजा है कि नहीं। यहां तक कि एसपी और डीएम के पास भी पावर नहीं है कि वे हमसे पूछे कि आपने भेजा है कि नहीं।
'हमने ललकार कर कहा था कि हम मंत्री बनेंगे'
सुभासपा प्रमुख राजभर ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद हमारे शपथ ग्रहण समारोह में शामिल थे। हमने ललकार कर कहा था कि मंत्री बनेंगे और अब बनकर दिखा भी दिया। आज सीएम की पावर के बाद किसी के पास पावर है तो वो ओम प्रकाश राजभर हैं।
दारा सिंह चौहान ने राजभर के बयान पर किया पलटवार
ओम प्रकाश राजभर के इस बयान पर एक अन्य मंत्री दारा सिंह चौरान ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि इस देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूपी में योगी की ताकत है। यही वजह कि कोई किसी का बाल भी बांका नहीं कर सकता, चाहे वह कितना भी बड़ा अपराधी क्यों न हो।
'पीएम मोदी से शक्तिशाली कोई नेता नहीं'
ओपी राजभर पर हमला बोलते हुए दारा सिंह चौहान ने कहा कि आज दुनिया मान रही है कि पीएम मोदी से शक्तिशाली कोई नेता नहीं है। कोई बड़ा भाई हो सकता है, छोटा भाई हो सकता है, लेकिन बड़े नेता केवल मोदी हैं। दारा सिंह ने कहा कि प्रदेश के मंत्रिमंडल में जब किसी का शपथ होता है तो मुख्यमंत्री की मौजूदगी में होता है। शपथ दिलाने के काम राज्यपाल का होता है। शपथ ग्रहण समारोह में सीएम योगी का उपस्थित रहना कोई सरप्राइज नहीं है।
गौरतलब है कि मऊ जिले में चौहान और राजभर आबादी ज्यादा है। इसलिए यहां पर इनका नेता बनने के लिए राजनेताओं में रस्साकशी होती रहती है। ओम प्रकाश राजभर ने 2023 में घोसी उपचुनाव में विश्वास दिलाया था कि दारा सिंह की जीत होगी, लेकिन उनके हारने के बाद यह विश्वास डगमगा गया। दारा सिंह 2009 में सांसद और 2017 में विधायक चुनने के बाद योगी सरकार में मंत्री रहे। फिलहाल, वे अपनी खोई हुई सियासी जमीन तलाशने की कोशिश कर रहे हैं।
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दारा सिंह चौहान अकेला ओबीसी नेता बनने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। वे नहीं चाहते कि उनकी जगह कोई और पिछड़ी जाति का चेहरा बनकर जिले में आगे आए, जिससे उ नका कद घटे और जिले पर उनकी कड़ कम हो। अब देखना होगा कि इन दोनों ओबीसी नेताओं के वर्चस्व में किसका तिलिस्म टूटता है, किसका जादू चलता है और कौन ओबीसी का चेहरा बन पाने में सफल होता है। यह तो आने वाला समय बचाएगा।
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