Mukhtar Ansari के खिलाफ कब और क्यों दर्ज हुआ था पहला पुलिस केस? सिर्फ 15 साल थी डॉन की उम्र
First Case Registered Against Mukhtar Ansari: डॉन मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह था। उसके खिलाफ 4 राज्यों के पुलिस थानों में करीब 65 केस दर्ज थे। इनमें से 8 केसों में वह सजायाफ्ता था। 21 केसों में अभी फैसला सुनाया जाना था। उसे 2 केसों में उम्रकैद की सजा हुई थी। वह साल 2005 से जेल में था। 19 साल में वह कभी उत्तर प्रदेश की जेल में रहा तो कभी पंजाब की जेल में उसे शिफ्ट किया गया।
आखिरी दिनों में वह उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में कैद था, लेकिन यह डॉन का आखिरी सफर साबित हुआ। मुख्तार अंसारी का कनेक्शन स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से है। उसके दादा फ्रीडम फाइटर थे और गांधी जी के सहयोगी थे, लेकिन मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया ऐसे जुड़ा कि परिवार के नाम पर दाग लग गया।
15 की उम्र में रखा अपराध की दुनिया में कदम
मुख्तार अंसारी की उम्र सिर्फ 15 साल थी, जब उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। डॉन के खिलाफ सबसे पहला केस 1980 के दशक में दर्ज हुआ था। गली में दोस्तों के साथ लड़ाई-झगड़ा और मारपीट करते-करते वह मखनू सिंह के गैंग में शामिल हो गया। गैंग का मेंबर रहते हुए उसका सबसे पहला टकराव साहब सिंह के गिरोह से हुआ। गांव सैदपुर में जमीन के एक टुकड़े के लिए दोनों गिरोह में भिड़ंत हुई।
कई हिंसक घटनाएं हुईं, लेकिन पुलिस ने पूरे गैंग के खिलाफ केस दर्ज किया। साल 1978 की बात है, जब 15 साल का मुख्तार अंसारी पहली बार पुलिस की क्राइम डायरी में रिकॉर्ड हुआ। गाजीपुर के सैदपुर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के तहत केस दर्ज हुआ था। इसके बाद मुख्तार अंसारी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुख्तार अंसारी के खिलाफ दूसरा सबसे बड़ा केस मुहम्मदाबाद थाने में 1988 में दर्ज हुआ था, जो हत्या की धाराओं के तहत दर्ज हुआ था।