रवि अत्री कौन? नीट पेपर लीक में आया नाम, MBBS का ड्रॉप आउट स्टूडेंट कैसे बना नकल माफिया?
Uttar Pradesh Crime News: नीट पेपर लीक मामले में पुलिस को अहम जानकारियां मिली हैं। जानकारी के मुताबिक पेपर लीक प्रकरण में अमित अत्री गैंग की भूमिका सामने आई है। इस गैंग के एक बदमाश रवि अत्री की नीट पेपर लीक मामले में अहम भूमिका रही है। आरोपी फिलहाल मेरठ की जेल में बंद है। आरोपी मूल रूप से नोएडा के लिम्का गांव का रहने वाला है। उसके खिलाफ पहले ही कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करने के केस दर्ज हैं। आरोपी एमबीबीएस का ड्रॉप आउट स्टूडेंट है। रवि के खिलाफ यूपी पुलिस कांस्टेबल, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की स्टेनो परीक्षा और 2012 में नीट पीजी का पेपर लीक करने के मामले दर्ज हैं। रवि अत्री 2007 में मेडिकल की पढ़ाई के लिए राजस्थान के कोटा गया था। यहीं से वह सॉल्वर गैंग के संपर्क में आया और अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया।
दो गुर्गों के सहारे काम करता है रवि
रवि अत्री ने पढ़ाई पूरी की ही थी कि पुलिस को एक पेपर लीक मामले में उसकी भूमिका पता लगी। जिसके बाद आरोपी को अरेस्ट किया गया था। रवि के दो खास गुर्गे हैं। एक का नाम संजीव मुखिया और दूसरे का नाम अतुल वत्स है। अतुल जहानाबाद और संजीव नालंदा का रहने वाला है। रवि अत्री ने यूपी पुलिस की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में अतुल का नाम पुलिस को बताया था। संजीव का सुराग पुलिस नहीं लगा पाई है। सूत्रों के अनुसार पुलिस को नालंदा बॉर्डर से पेपर लीक किए जाने के सबूत मिल चुके हैं।
बताया जा रहा है कि नीट का पेपर परीक्षा से ठीक एक दिन पहले सॉल्वर गैंग का मिल गया था। रांची में एक मेडिकल कॉलेज के 10 विद्यार्थियों ने इस पेपर को सॉल्व कर लिया था। बाद में पेपर लीक करने वाले आरोपियों ने वाट्सएप के जरिए इसे नीतीश कुमार और अमित आनंद तक पहुंचाया था। दोनों आरोपी पटना में थे। दोनों आरोपियों ने अभ्यर्थियों को पेपर रटवाकर अगले दिन सेंटर तक पहुंचाया था। पटना पुलिस सभी आरोपियों को अरेस्ट कर चुकी है।