कहानी नेपाल की बाघिन की, खौफ से खाली हो गया था पूरा का पूरा गांव, 436 लोगों को बनाया शिकार

Uttar Pradesh News: यूपी के कई जिलों में इस समय भेड़ियों और बाघ ने आतंक मचा रखा है। कुछ भेड़ियों को पकड़ा भी गया है। ऐसा पहली बार नहीं है। पहले भी बाघों के आतंक के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है। आजादी से पहले का एक किस्सा आपको बताने जा रहे हैं। जब एक बाघिन ने आतंक मचाया था।

featuredImage

Advertisement

Advertisement

Uttarakhand News: यूपी के बहराइच, सीतापुर जिले में भेड़ियों ने आंतक मचा रखा है। जिससे हर कोई सहमा हुआ है। 8 बच्चों समेत 9 लोगों को भेड़िये मौत के घाट उतार चुके हैं। उधर, लखीमपुर खीरी में अब एक बाघ का आतंक सामने आया है। पहले भी ऐसे मामले सामने आते रहे हैं। आजादी से पहले 1907 में नेपाल से आई एक बाघिन की कहानी आपको बताते हैं। उत्तराखंड के चंपावत जिले में इस बाघिन की वजह से लोगों ने एक गांव ही खाली कर दिया था। नेपाल सीमा से सटे इलाकों में बाघिन का खौफ था। कहा जाता है कि नेपाल में बाघिन आदमखोर हो गई थी। जिसके बाद नेपाल सरकार ने इसे भारत की ओर खदेड़ दिया था।

यह भी पढ़ें:कहां छुपे हैं भेड़िये? सर्च ऑपरेशन में जुटे 200 जवान, 55 टीमें, बहराइच में 7 साल के बच्चे पर किया हमला

बताया जाता है कि इस खतरनाक बाघिन ने नेपाल और भारत में 436 इंसानों को मार डाला। रात तो क्या? लोग दिन के समय भी घर से बाहर नहीं निकलते थे। लोग रात-रात भर जागकर पहरा लगाते थे। घरों के दरवाजों पर आग लगाई जाती थी। बच्चों के खेलने पर रोक लगा दी गई थी। बताया जाता है कि ये बाघिन इतनी बेखौफ थी कि रात के बजाय दिन के समय शिकार करती थी।

जिम कॉर्बेट ने किया था आतंक का खात्मा

इस आदमखोर बाघिन को 1907 में मशहूर शिकारी जिम कॉर्बेट ने मार गिराया था। कॉर्बेट को कई प्रयासों के बाद इस खतरनाक बाघिन को मारने में सफलता हाथ लगी थी। इसे ही दुनिया की सबसे खतरनाक बाघिन माना जाता है। बिजनौर में भी 20वीं सदी में एक और बाघिन ने आतंक मचाया था। इस बाघिन के हमले में 15 लोग मारे गए थे। वहीं, जो लोग जिंदा बचे, वे पूरी तरह दिव्यांग हो गए थे।

ये बाघिन दिन के समय ही लोगों को उठा ले जाती थी। 2014 में आदमखोर बाघिन को पकड़ने के लिए विभाग ने काफी प्रयास किए थे। लेकिन आदमखोर की झलक भी नहीं दिखी। शिकार के बाद ये बाघिन इंसान की लाश को काफी दूर ले जाती थी। बाद में इस बाघिन को कई टीमों ने ट्रैक कर मौत के घाट उतारा था।

ये भी पढ़ेंः जंगल से चीखने की आवाज, सामने भेड़ियों का झुंड, तो इसलिए बहराइच में मनाई जाती ‘दिवाली’

Open in App
Tags :