संभल में क्यों भड़की हिंसा? पुलिस को जिंदा जलाने की तैयारी, FIR में चौंकाने वाले खुलासे
Sambhal Violence FIR Latest Update: उत्तर प्रदेश के संभल में भड़की हिंसा पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। हिंसा से जुड़े कई सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं। मसलन संभल में हिंसा कैसे भड़की? क्या इसके पीछे कोई साजिश थी? प्रदर्शनकारियों की मंशा क्या थी? प्रदर्शनकारियों के पास इतनी बड़ी संख्या में पत्थर और हथियार कहां से आए? क्या हिंसा की तैयारी पहले से थी? संभल में बीएनएस की धारा 163 लागू होने के बावजूद इतनी भारी संख्या में भीड़ कैसे जुटी? इन सवालों के जवाब बेशक सामने नहीं आए हैं, लेकिन संभल हिंसा पर दर्ज हुई FIR में हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं।
भीड़ से पुलिस को घेरा
FIR रिपोर्ट के अनुसार न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए सर्वे टीम जामा मस्जिद पहुंची। मस्जिद में सर्वे चल रहा था तभी 08:45 बजे मस्जिद की ढलान से 100 कदम की दूरी पर 800-900 लोगों की भीड़ नारेबाजी करते हुए चली आ रही थी। भीड़ ने पत्थर बरसाने शुरू कर दिए और सर्वे टीम को मस्जिद से बाहर निकालने का नारा दिया। पुलिस ने भीड़ को समझाने का बहुत प्रयास किया। उन्हें बताया गया कि संभल में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 लगी है, जिसके तहत 5 से ज्यादा लोग एक जगह पर एकत्रित नहीं हो सकते हैं। पुलिस ने उन्हें घर वापस जाने का आदेश दिया। मगर प्रदर्शनकारी उग्र हो गए।
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पुलिसकर्मियों को जलाने की मंशा
FIR की मानें तो प्रदर्शनकारियों में से 40-50 शख्स बाहर आए और उन्होंने कहा हसन, अजीम, सलीम, रिहान, वसीम, हैदर, आयान इन सभी पुलिसवालों से हथियार छीन लो, इनकी कारतूस ले लो। सबको यहीं आग लगाकर मार दो, कोई भी बचकर ना जाने पाये। हम मस्जिद का सर्वे नहीं होने देंगे। इस दौरान कुछ लोगों ने उपनिरीक्षक की सरकारी पिस्टल छीनने की कोशिश की और पिस्टल की मैग्जीन निकालकर भाग निकले। मैग्जीन में 9एमएम की 10 राउंड के कारतूस थे। ऐसे में पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए टीयर गैस से आंसू गैस के गोले दागे।
किसके खिलाफ दर्ज हुई FIR?
FIR में लिखा है कि भीड़ पुलिसवालों को जान से मारने की मंशा से वहां पहुंची थी। सभी पुलिसवाले किसी तरह जान बचाकर थाने की तरफ भागे। पुलिस ने जियाउरर्हमान वर्क और सुहैल इकबाल के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है। इसके अलावा FIR रिपोर्ट में 700-800 अज्ञात लोग भी शामिल हैं।
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