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Video: संभल हिंसा का सच आया सामने! नए वीडियो में सफेद कुर्ता पहने युवक ने भीड़ को उकसाया

Sambhal violence: इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई है, पुलिस ने इस केस में कुल 7 FIR दर्ज की हैं, जिसमें 2000 से ज्यादा अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।
03:18 PM Nov 30, 2024 IST | Amit Kasana
video  संभल हिंसा का सच आया सामने  नए वीडियो में सफेद कुर्ता पहने युवक ने भीड़ को उकसाया
सीसीटीवी फुटेज

Sambhal violence: संभल हिंसा पर शनिवार को एक नया वीडियो सामने आया है। चौंकाने वाली इस सीसीटीवी फुटेज में सफेद कुर्ता-पजामा पहले एक शख्स भीड़ को मस्जिद की तरफ जाने को कह रहा है। जांच एजेंसियों के अनुसार दंगे भड़काने के लिए भीड़ को भड़काते दंगाइयों का यह नया सीसीटीवी फुटेज मामले की जांच में अहम साक्ष्य बनेगा।

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चंद सेकेंड के वीडियो में टोपी और कुर्ता पहने युवक बार-बार हाथ का इशारा कर उग्र भीड़ को मस्जिद की तरफ बढ़ने के लिए कहता दिखाई पड़ रहा है। भीड़ में खड़ा वह युवक वीडियो में कई बार पीछे मुड़कर नारेबाजी कर रहे लोगों को आगे बढ़ने को उकसाता है।

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अभी भी इलाका पुलिस छावनी बना हुआ

शनिवार को हिंसा के बाद संभल जामा मस्जिद के आसपास कुछ दुकानें खुलीं। इलाके में बड़ी संख्या में पुलिसबल गश्त करता दिखाई पड़ा। पुलिस अधिकारियों ने लारउस्पीकर से ऐलान कर लोगों को वापस दुकान खोलने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। पुलिस ने हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में फिलहाल बैरिकेडिंग की हुई है।

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सपा देगी मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख

आज सुबह पुलिस ने संभल जा रहे समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल को रास्ते में रोक दिया। जिसके बाद सपा ने संभल पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है। पार्टी ने मृतक के परिजनों को 5-5 लाख रुपए देने की घोषणा की है। इसके अलावा सपा ने एक बयान जारी कर यूपी सरकार से मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख देने की मांग की है।

फिलहाल इलाके में ये प्रतिबंध लागू

फिलहाल संभल जिले में धारा 163 लागू है, यहां चार या इससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक है। बता दें संभल में 24 नवंबर में हिंसा हुई थी। इस मामले में सात एफआईआर दर्ज की गई हैं। इन एफआईआर में 2000 से ज्यादा अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। हिंसा में चार लोगों की मौत हुई है।

मस्जिद कमिटी के वकील कासिम जमाल ने कहा कि हिंसा के दिन मैं मस्जिद के अंदर था बाहर क्या हुआ मुझे नहीं पता। उन्हाूेंने सवाल उठाते हुए कहा कि एक बार जब 19 नवंबर को सर्वे पूरा हुआ तो 24 नवंबर को को दोबारा सर्वे क्यों किया गया? उन्होंने कहा कि जहां तक कुएं और सीढ़ियों पर निर्माण की बात है तो कुआं खुला है उसका रास्ता है। जहां तक सीढ़ियों पर रेलिंग की बात है वो तो लोगों की सहूलियत के लिए लगवाई गई हे।

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