यूपी में अखिलेश यादव की वो स्ट्रैटिजी जिसने बीजेपी को औंधे मुंह गिराया
UP Lok sabha election result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने दमदार वापसी की है। अभी तक के आंकड़ों के अनुसार यहां सपा कुल 45 सीटों पर जीत रही है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस बार सपा प्रमुख अखिलेश यादव की यूपी में टिकट बांटने की रणनीति उसकी जीत का प्रमुख कारण है। लोकसभा चुनाव 2024 में सपा ने टिकट देने में नॉन यादव और ओबीसी उम्मीदवारों को ज्यादा प्राथमिकता दी।
विश्लेषण करें तो पता चलता है कि इस बार सपा ने यादव जाति से केवल पांच लोगों को लोकसभा का टिकट दिया, ये पांचों अखिलेश यादव के परिवार के सदस्य हैं। इसके अलावा सपा ने इस बार 27 नॉन यादव जातियों के प्रत्याशियों को टिकट दिया था। जिन प्रत्याशियों को टिकट दिए गए उनमें 11 सवर्ण जाति के लोग थे, इनमें चार ब्राह्मण, दो ठाकुर दो वैश्य, एक खत्री जाति के प्रत्याशी शामिल थे।
प्रचार का बदला तरीका, की नुक्कड़ सभाएं
सपा ने इस बार चार मुस्लिम, 15 दलित जाति के लोगों को अपना उम्मीदवार बनाया था। 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो पिछले चुनाव में सपा का बसपा और आरएलडी से गठबंधन था। उस दौरान पार्टी ने 80 में से 37 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें 10 यादव जाति के उम्मीदवार थे। पिछले चुनाव में सपा ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी और बसपा ने 10 सीटों पर चुनाव जीता था। पिछले चुनाव में बीजेपी ने 62 सीटों पर चुनाव जीता था। इस बार सपा ने अपने प्रचार का तरीका बदला। बीजेपी ने जहां पीएम मोदी और अन्य दिग्गज नेताओं ने बड़ी जनसभाएं की तो अखिलेश यादव, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने छोटी जनसभाएं और नुक्कड़ सभाएं की।
यादव के अलावा वैश्य और दलित समाज को जोड़ा
2014 लोकसभा चुनावों की बात करें तो सपा ने 78 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। उस दौरान सपा ने 12 यादव प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें अधिकांश उनके परिवार के सदस्य थे। इस बार के टिकट वितरण पर समाजवादी पार्टी का बयान था कि उनकी पार्टी यादव और मुस्लिम दोनों को सपोर्ट करती है। लेकिन वह यादव, ओबीसी जातियों से अलग वैश्य, दलित समाज को भी जोड़ रही है।
जीत की यह स्ट्रैटिजी आई काम
समाजवादी पार्टी ने इस लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर स्थानीय जातिय समीकरण और लोगों का फीडबैक मिलने के बाद अपने कई प्रत्याशी भी बदले। इसके अलावा बीजेपी की बात करें तो इस बार पार्टी 75 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए और अन्य पांच सीटें अपने घटक दलों को दी थी। टिकट बांटने में बीजेपी के जातिय समीकरणों को देखें तो पार्टी के 34 प्रत्याशी सवर्ण वर्ग के थे। इनमें 16 ब्राह्मण, 13 ठाकुर दो वैश्य, 3 अन्य लोग थे। इसके अलावा पार्टी न 25 ओबीसी और 16 दलित उम्मीदवार थे।
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