हरियाणा में SP रही खाली हाथ, लेकिन UP उपचुनाव में कांग्रेस के लिए छोड़ीं 2 सीटें, समझें सियासी मायने
UP By Election 2024: यूपी उपचुनाव 2024 की तारीखों का एलान हो चुका है। प्रदेश में 9 सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होना है। मुख्य मुकाबला सपा और बीजेपी के बीच है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 9 में 7 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। उन्होंने 2 सीटें गठबंधन के तहत कांग्रेस के लिए छोड़ी है। हालांकि कांग्रेस 5 सीटें मांग रही थी। ऐसे में हरियाणा में खाली हाथ रही सपा ने यूपी में कांग्रेस को 2 सीटें दी हैं। ऐसे में आइये जानते हैं कि क्यों अखिलेश यादव ने यूपी में कांग्रेस के लिए बड़ा दिल दिखाया है?
अखिलेश यादव ने यूपी उपचुनाव के लिए गाजियाबाद और खैर सीट छोड़ने का फैसला किया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि अभी इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि कांग्रेस 5 सीटें मांग रही थी।
1.हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद अगले दिन सपा ने उपचुनाव के लिए 6 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए थे। इससे सपा ने कांग्रेस को मैसेज दिया कि मिलकर लड़ने पर ही बीजेपी को हराया जा सकता है। हालांकि कई मौकों पर कांग्रेस का स्थानीय नेतृत्व इस बात से इनकार कर चुका था कि सपा को कांग्रेस हरियाणा में कोई सीट देगी। कांग्रेस के नेताओं का मानना था कि सपा का हरियाणा में कोई जनाधार नहीं है।
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2.जम्मू-कश्मीर की नवनिर्वाचित सरकार के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे अखिलेश और राहुल गांधी ने मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उपचुनाव को लेकर बातचीत की और गठबंधन के लिए संभावनाएं तलाशी। इसके बाद दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे पर सहमति बनी है। इसके बाद स्वयं अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में कांग्रेस के साथ गठबंधन जारी रहेगा। हालांकि कांग्रेस प्रमुख अजय राय किसी भी गठबंधन की जानकारी से इंकार किया है।
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3.कांग्रेस के साथ-साथ अखिलेश यादव को भी लगता है कि चुनाव में गठबंधन नहीं करना सबसे बड़ी भूल थी। हालांकि सपा ने एक बार बसपा और एक बार कांग्रेस के साथ गठबंधन कर 2017 और 2022 का चुनाव लड़ा था लेकिन वह दोनों बार सत्ता से दूर रह गई। हालांकि इस बार के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन यूपी में 40 के आसपास सीटें जीतने में कामयाब रहा।