अपर्णा यादव पर CM योगी की मेहरबानी के मायने क्या? प्रियंका गांधी की करीबी को भी मौका

Uttar Pradesh By-Election News: अपर्णा यादव 2022 के विधानसभा चुनाव से 2 साल पहले 2020 में भाजपा में शामिल हुई थीं। अपर्णा यादव और प्रतीक यादव की गौशाला का सीएम योगी आदित्यनाथ ने कई बार दौरा किया है।

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योगी सरकार ने अपर्णा यादव को महिला आयोग में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है। फाइल फोटो

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Uttar Pradesh By-Election News: उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव से पहले योगी सरकार ने बड़ा दांव चला है। योगी सरकार महिला आयोग में नियुक्तियां की हैं और इन नियुक्तियों में अखिलेश यादव के छोटे भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव को खास जिम्मेदारी मिली है। अपर्णा यादव को यूपी महिला आयोग में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। प्रतीक यादव मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना यादव के बेटे हैं।

करहल सीट पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए अपर्णा यादव की नियुक्ति अखिलेश और समाजवादी पार्टी की परेशानी बढ़ा सकती है। करहल सीट से अखिलेश यादव 2022 के विधानसभा चुनाव में विधायक चुने गए थे। वहीं कन्नौज से 2024 के लोकसभा चुनाव में सांसद चुने जाने के बाद अखिलेश यादव ने यह सीट खाली कर दी है। ऐसे में इस सीट पर उपचुनाव होना है।

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प्रियंका की करीबी को भी मौका

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला आयोग में प्रियंका मौर्या को भी जगह दी है। 2022 विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के कैंपेन 'लड़की हूं मैं, लड़ सकती हूं' के कैंपेन में प्रियंका मौर्या पोस्टर गर्ल थीं। बाद में प्रियंका मौर्या ने बीजेपी ज्वॉइन कर लिया था। यूपी महिला आयोग में कुल 24 सदस्य हैं।

कौन हैं अपर्णा यादव

अपर्णा यादव 2022 के विधानसभा चुनाव से 2 साल पहले 2020 में भाजपा में शामिल हुई थीं। अपर्णा यादव और प्रतीक यादव की गौशाला का सीएम योगी आदित्यनाथ ने कई बार दौरा किया है। महिला अधिकारों और अन्य मुद्दों पर अपर्णा यादव पूरी मुखरता से बोलती हैं। उपचुनावों से पहले अपर्णा यादव को जिम्मेदारी देने का साफ अर्थ है कि बीजेपी उन्हें समाजवादी पार्टी के खिलाफ सियासी जंग में अग्रिम पंक्ति में रखने वाली है। मुलायम सिंह यादव की बहू होने के नाते अपर्णा यादव की आवाज असर रखती है।

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जाहिर है कि अपर्णा का मुखर होना सपा की परेशानी बढ़ाएगा। अपर्णा यादव को अखिलेश यादव ने 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर लखनऊ कैंट से चुनावी मैदान में उतारा था। हालांकि अपर्णा यादव भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी से हार गई थीं।

इन 10 सीटों पर होना है उपचुनाव

लोकसभा चुनाव 2024 के बाद यूपी में विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव होना है। इन सीटों में करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, फूलपुर, मझवां और सीसामऊ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा। करहल सीट अखिलेश यादव के सांसद बनने से खाली हुई है तो मिल्कीपुर सीट फैजाबाद लोकसभा सीट से सांसद बने अवधेश प्रसाद ने छोड़ी है। अवधेश प्रसाद 2024 में फैजाबाद सीट से सांसद चुने गए हैं।

उपचुनाव में बीजेपी का इम्तिहान

विधानसभा उपचुनाव में सबकी निगाहें बीजेपी के प्रदर्शन पर हैं। अयोध्या हारने के बाद बीजेपी की काफी किरकिरी हुई है और पार्टी की कोशिश मिल्कीपुर उपचुनाव जीतने की है। बीजेपी के साथ एनडीए की तमाम पार्टियों ने 10 सीटों के लिए अपने प्रभारियों की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री खुद इन क्षेत्रों में चुनावी कैंपेन की अगुवाई कर रहे हैं।

 

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