UP में सीट बंटवारे पर फंसा पेंच, SP का ऑफर सुन कांग्रेस अपनी मांग पर अड़ी, पार्टी ले सकती बड़ा फैसला!
Samajwadi Party Congress Clash on Seat Sharing: उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव होने हैं। खाली पड़ी 9 सीटों फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां, खैर, मीरापुर, सीसामऊ, कटेहरी, करहल, कुंदरकी पर उपचुनाव की घोषणा चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर को की थी। 18 अक्टूबर से नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। नामांकन 25 अक्टूबर तक भरे जाएंगे।
13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को मतगणना होगी, लेकिन अभी तक समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने उपचुनाव उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, क्योंकि दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर पेंच फंसा हुआ है। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को 2 सीटें ऑफर की हैं, लेकिन कांग्रेस 5 से कम सीटों पर उपचुनाव लड़ना चाहती है। इसलिए दोनों के बीच अभी तक सीट शेयरिंग का फैसला नहीं हुआ है।
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सहमति न बनी तो उपचुनाव नहीं लड़ेगी कांग्रेस
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय कहते हैं कि पार्टी इस बार 5 सीटें लेकर ही मानेगी। समाजवादी पार्टी 7 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी और 2 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी। इससे कांग्रेस नाराज है और उपचुनाव के बॉयकॉट का फैसला ले सकती है। अगर फैसला लिया गया तो कांग्रेस समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार भी नहीं करेगी।
अजय राय का कहना है कि कांग्रेस हाईकमान को समाजवादी पार्टी के रुख और उनके रुख पर कांग्रेस के रिएक्शन से अवगत करा दिया है। कांग्रेस को भाजपा और उसके सहयोगी दलों द्वारा जीती गई सीटें मांगी हैं। अगर समाजवादी पार्टी नहीं मानेगी तो कांग्रेस भी नहीं झुकेगी। प्रदेश में पार्टी को स्टैंड करने के लिए यह 5 सीटें चाहिए, वरना उपचुनाव नहीं लड़ेंगे।
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अजय राय ने लगाए अवहेलना के आरोप
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अजय राय कहते हैं कि सहयोगी दल की सहमति के बिना उम्मीदवारों की घोषणा करना गठबंधन धर्म की अवहेलना है। समाजवादी पार्टी गठबंधन के नियमों का पालन नहीं कर रही। समाजवादी पार्टी अकेले भाजपा ने नहीं भिड़ सकती। राहुल गांधी ने हाथ मिलाया था, तभी पार्टी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा के विजयी रथ को रोकने में कामयाब हो पाई थी।
कांग्रेस को हलके में लिया जा रहा है, लेकिन कांग्रेस अपने हक की लड़ाई लड़ेगी। इस बार समझौता नहीं किया जाएगा। उपचुनाव में सीटों के बंटवारे से 2027 लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में गठबंधन पर असर पड़ सकता है। इसलिए समाजवादी पार्टी अपने फैसले पर विचार करे। कांग्रेस हाईकमान भी अखिलेश यादव से बात करके विवाद सुलझाए।