UP Cabinet Expansion: लोकसभा चुनाव से पहले BJP का बड़ा दांव, पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वांचल तक साधे जातीय समीकरण
UP Cabinet Expansion : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले योगी कैबिनेट का विस्तार काफी अहम माना जा रहा है। यूपी मंत्रिमंडल का विस्तार छोटा है, लेकिन इसके जरिए पूरे राज्य में बड़े समुदाय वर्ग को साधने का प्रयास किया गया है। भाजपा ने पश्चिमी यूपी में ब्राह्मण एवं जाट और पूर्वांचल में अति पिछड़ा एवं पिछड़ा वर्ग के वोटरों को अपने पाले में किया। आइए जानते हैं कि क्या है जातीय समीकरण।
सुनील कुमार शर्मा से साधे ब्राह्मण वोटर
साहिबाबाद विधानसभा सीट से सुनील कुमार शर्मा तीसरी बार विधायक बने। उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड जीत हासिल करते हुए सपा गठबंधन के प्रत्याशी अमरपाल शर्मा को 2 लाख 14 हजार 386 वोटों से पराजित किया था। ब्राह्मण सुमदाय से आने वाले सुनील शर्मा को योगी कैबिनेट में जगह मिली है। भाजपा ने पश्चिमी यूपी के ब्राह्मणों को साधा है।
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अति पिछड़े वर्ग से आते हैं ओपी राजभर
सुहेलदेव भारतीय जनता पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओपी राजभर ने मंत्री पद की शपथ ली। यूपी में 4 प्रतिशत राजभर वोटर हैं, जो पूर्वांचल में हार-जीत का समीकरण तय करते हैं। अति पिछड़े वर्ग में राजभर वोटर आते हैं।
पिछड़ा समुदाय से आते हैं दारा सिंह चौहान
भाजपा के एमएलसी दारा सिंह चौहान ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ग्रहण की। पिछड़े जाति से आने वाले दारा सिंह चौहान इससे पहले सपा और बसपा में रह चुके हैं। हालांकि, घोसी उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वे मऊ और आजमगढ़ में पिछड़ा समुदाय की नोनिया जाति पर पैठ रखते हैं।
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आरएलडी के विधायक मंत्री बना कर जाट समुदाय को साधा
राष्ट्रीय लोकदल (RLD) कोटे से अनिल कुमार योगी सरकार में मंत्री बनाए गए हैं। पश्चिमी यूपी में आरएलडी का वोटबैंक जाट समुदाय है। साथ ही दलित समुदाय से अनिल कुमार आते हैं। भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट और दलित समुदाय को साधा है। इसका फायदा लोकसभा चुनाव में मिलेगा।