सीट एक...नाम एक और प्रत्याशी 2; रायबरेली का वो दिलचस्प मुकाबला, जब चकरा गए थे वोटर्स
Lok Sabha Election 1996 Memoir: लोकसभा चुनाव 2024 के रण में इस बार सबसे हॉट सीट उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट है। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। कांग्रेस ने काफी जद्दोजहद के बाद आज सुबह चुनाव नामांकन के आखिरी दिन रायबरेली से अपने उम्मीदवार का ऐलान करके देश को चौंका दिया। कांग्रेस ने रायबरेली से राहुल गांधी को टिकट दिया है। रायबरेली कांग्रेस का गढ़ है। यहां से फिरोज गांधी, इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी चुनाव लड़ चुके हैं और सांसद रह चुके हैं।
2019 का लोकसभा चुनाव सोनिया गांधी ने जीता था। इस बार सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा सांसद बन गई हैं और राहुल गांधी को रायबरेली से चुनावी रण में उतार दिया गया है। हालांकि इस सीट से प्रियंका गांधी को चुनाव लड़वाने की चर्चा थी, लेकिन राहुल गांधी को टिकट मिला। क्योंकि राहुल गांधी पहली बार रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं तो कांग्रेस के लिए अपने गढ़ को बचाने की चुनौती भी है। आइए इस हॉट लोकसभा सीट से 1996 के लोकसभा चुनाव का किस्सा जानते हैं...
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लोकसभा चुनाव 1999 का यादगार किस्सा
रायबरेली सीट से 1996 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस हार गई थी। कांग्रेस ने शीला कौल के बेटे विक्रम कौल को चुनावी रण में उतारा था, लेकिन वे बुरी तरह हार गए थे। उनकी जमानत तक जब्त हो गई थी। विक्रम कौल को सिर्फ 25457 वोट मिले थे, लेकिन चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प था, क्योंकि इस सीट से 2 और उम्मीदवार चुनावी रण थे, जिनके नाम एक जैसे थे।
भाजपा ने पार्टी के दिग्गज नेता देवेंद्र सिंह के बेटे अशोक सिंह को टिकट दिया था। जनता दल ने अपने नेता अकबाल सिंह के बेटे अशोक सिंह को चुनावी रण में उतारा था। भाजपा के अशोक सिंह चुनाव जीते थे। उन्हें कुल 33887 वोट मिले थे, लेकिन एक सीट से एक जैसे नाम वाले 2 उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी।
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रायबरेली सीट का इतिहास और समीकरण
रायबरेली लोकसभा सीट रायबरेली और प्रतापगढ़ जिलों को मिलाकर बनी है और 1957 में इसे लोकसभा क्षेत्र बनाया गया था। 1951-52 में इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीते थे। 1957 में लोकसभा सीट बनने के बाद भी फिरोज गांधी चुनावी जीते और सांसद बने। 1960 में फिरोज गांधी की मौत के बाद उप-चुनाव हुआ, लेकिन कांग्रेस ने चुनाव नहीं लड़ा।
1962 में कांग्रेस ने बैजनाथ कुरील को टिकट दिया। 1964 में इंदिरा गांधी राज्यसभा सांसद बनीं। 1966 में पहली महिला प्रधानमंत्री बनने के बाद 1967 में इंदिरा गांधी ने रायबरेली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा। 1971 का लोकसभा चुनाव भी इसी सीट से इंदिरा ही जीतीं। 1977 का चुनाव इंदिरा गांधी हार गई थीं, लेकिन 1980 में इंदिरा गांधी फिर उप-चुनाव लड़ा और वे चुनाव जीत गईं, लेकिन इस सीट से ज्यादातर चुनाव कांग्रेस उम्मीदवारों ने ही जीते हैं।
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