यूपी की 14 सीटों पर मतदान आज, लखनऊ में राजनाथ तो रायबरेली और अमेठी में दांव पर लगी कई दिग्गजों की साख
Uttar Pradesh 5th Phase Voting 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवे चरण का मतदान शुरू हो गया है। सोमवार की सुबह 7 बजे से देश के 8 राज्यों में मौजूद 49 सीटों पर चुनाव हो रहा है। इसमें उत्तर प्रदेश की भी 14 सीटें शामिल हैं। हालांकि इन 14 सीटों में 3 सबसे बड़ी हॉट सीटें लखनऊ, रायबरेली और अमेठी काफी चर्चा बटोर रही हैं।
चरण | मतदान की तारीख | सीटें |
पांचवा चरण | 20 मई | लखनऊ, अमेठी, रायबरेली, मोहनलालगंज, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा |
लखनऊ
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मतदान हो रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर 1991 से भाजपा का कब्जा रहा है। 1991 से 2009 तक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ से सांसद रहे। अटल जी ने सियासत को अलविदा कहा तो बीजेपी के लाल जी टंडन यहां से विजयी बने। 2014 में लखनऊ की जनता ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपना नेता चुना और 2019 में फिर से राजनाथ सिंह ही जीते। लगातार दो बार लखनऊ से जीत हासिल करने के बाद राजनाथ सिंह 2024 में हैट्रिक लगाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं इंडिया गठबंधन के तहत सपा ने सूबे के पूर्व कैबिनेट मंत्री रविदास मेहरोत्रा को चुनावी मैदान में उतारा है। इसी कड़ी में मायावती की बहुजन समाजवादी पार्टी ने मोहम्मद सरवर मलिक को टिकट दिया है।
अमेठी
कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली अमेठी की किस्मत का फैसला भी आज ही होगा। अमेठी से हमेशा गांधी परिवार के सदस्यों को जीत मिली है। संजय गांधी से लेकर राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी अमेठी से जीते हैं। अमेठी पर कांग्रेस की पकड़ इस कदर मजबूत थी कि 2014 की मोदी लहर भी इसे हिला ना सकी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को भी यहां हार झेलनी पड़ी। मगर 2019 में सालों पुराना रिकॉर्ड टूट गया और अमेठी पर स्मृति ईरानी का कब्जा हो गया।
2024 के आम चुनाव में भी अमेठी पर बना सस्पेंस काफी देर से टूटा। भाजपा ने लगातार तीसरी बार स्मृति ईरानी को अपना उम्मीदवार बनाया, मगर कांग्रेस ने आखिरी समय पर जाकर पत्ता खोला। पहले खबरें सामने आईं कि राहुल गांधी फिर अमेठी से चुनाव लड़ेंगे। मगर बाद में कांग्रेस पार्टी ने किशोरी लाल शर्मा को टिकट दे दिया। अमेठी में अब स्मृति ईरानी बनाम किशोरी लाल शर्मा की लड़ाई है। वहीं बसपा ने भी नन्हें सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया है।
रायबरेली
कांग्रेस के गढ़ का जिक्र हो और अमेठी के साथ रायबरेली का नाम ना आए, ऐसा भला कैसे हो सकता है। रायबरेली की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही आखिरी समय पर उम्मीदवार घोषित किए। इंदिरा गांधी का संसदीय क्षेत्र रही रायबरेली में सोनिया गांधी कई बार जीतती आई थीं। मगर 2024 में सोनिया ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। अब सवाल ये था कि गांधी परिवार की इस विरासत को आगे कौन बढ़ाएगा? ऐसे में प्रियंका गांधी से लेकर वरुण गांधी और सुप्रिया श्रीनेत जैसे कई नेताओं के नाम सामने आए। मगर आखिरी मौके पर कांग्रेस ने राहुल गांधी के नाम पर मुहर लगाई और रायबरेली का रण काफी दिलचस्प बन गया।
अन्य पार्टियों की बात करें तो भाजपा ने रायबरेली से दिनेश प्रताप यादव को टिकट दिया है। दिनेश पहले कांग्रेस का हिस्सा थे। मगर बाद में उन्होंने बीजेपी का हाथ थामा और सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा। हालांकि वो डेढ़ लाख से भी ज्यादा मतों से हार गए। इस बार दिनेश का मुकाबला राहुल गांधी से है। वहीं बसपा ने ठाकुर प्रसाद यादव को टिकट दिया है।