होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Uttar Pradesh की राजधानी 3 दशकों से रही है बीजेपी का गढ़, तो क्या लखनऊ में इस बार भी नहीं जीतेगी कांग्रेस?

Uttar Pradesh Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी की नजर कांग्रेस के गढ़ रायबरेली पर है, तो कांग्रेस चाहकर भी बीजेपी से लखनऊ नहीं छीन सकती है। भाजपा पिछले 33 साल से लखनऊ में काबिज है। आइए जानते हैं कि कांग्रेस बीजेपी के इस किले को भेदने में क्यों नाकामयाब रही है।
04:18 PM Mar 20, 2024 IST | News24 हिंदी
Advertisement

Uttar Pradesh Lok Sabha Election 2024: लोकसभा की 80 सीटों के साथ उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। वोटर्स की संख्या 20 करोड़ से ज्यादा है। शायद इसीलिए कहा जाता है कि दिल्ली तक पहुंचने का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश पर कई पार्टियों की पैनी नजर है। यूपी की राजधानी लखनऊ पिछले तीन दशकों से भाजपा का गढ़ है। बीजेपी के इस किले को कांग्रेस भी इंदिरा गांधी के बाद से नहीं तोड़ पाई है।

Advertisement

अटल बिहारी वाजपेयी

1991 के आम चुनावों में राजीव गांधी की मौत की खबर ने सभी को हिलाकर रख दिया था। ऐसे में जनता ने कांग्रेस को समर्थन दिया और कांग्रेस पार्टी भारी बहुमत के साथ दिल्ली की गद्दी पर काबिज हुई। हालांकि देश में कांग्रेस की लहर होने के बावजूद लखनऊ ने बीजेपी को चुना और अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार लखनऊ से सांसद बने। इसके बाद देश में चार बार 1996, 1998, 1999, 2000 में लोकसभा चुनाव हुए और हर बार अटल बिहारी वाजपेयी ही जीते। लखनऊ ने ही देश को अटल बिहारी वाजपेयी के रूप में देश को पहला नॉन कांग्रेसी प्रधानमंत्री दिया, जिन्होंने बतौर पीएम अपना कार्यकाल पूरा किया था।

Advertisement

लाल जी टंडन

2009 के आम चुनावों में तक अटल बिहारी वाजपेयी एक्टिव पॉलिटिक्स का हिस्सा नहीं थे। ऐसे में अटल की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए बीजेपी नेता लाल जी टंडन लखनऊ से चुनावी मैदान में उतरे और पार्टी का गढ़ बचाने में कामयाब रहे।

राजनाथ सिंह

2014 के आम चुनावों में भाजपा ने पार्टी के कद्दावर नेता राजनाथ सिंह को लखनऊ से अपना उम्मीदवार चुना और लखनऊ ने एक बार फिर बीजेपी को भारी मतों से वोट देकर संसद तक पहुंचा दिया। दिल्ली में मोदी सरकार बनी और राजनाथ सिंह को गृह मंत्री नियुक्त किया गया। 2014 के बाद 2019 में भी राजनाथ सिंह लखनऊ से सांसद रहे। बीजेपी के दूसरे कार्यकाल में भी रक्षा मंत्रालय की कमान संभालकर राजनाथ सिंह मोदी मंत्रीमंडल का हिस्सा हैं।

आखिरी बार कब जीती कांग्रेस?

1991 से लेकर 2024 तक लगातार तीन दशकों से भी ज्यादा समय से लखनऊ बीजेपी का गढ़ रह चुका है। हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि इंदिरा गांधी के समय में लखनऊ आखिरी बार कांग्रेस के खाते में गया था। 1984 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस नेता शीला कौल लखनऊ से सांसद बनी थीं। इसके बाद कांग्रेस कभी आम चुनावों के दौरान लखनऊ में जीत हासिल नहीं कर सकी है।

2024 में किसकी होगी जीत?

आगामी आम चुनावों में बीजेपी की तरफ से राजनाथ सिंह एक बार फिर संसदीय पद के उम्मीदवार बन चुके हैं। तो वहीं सपा और कांग्रेस के सीट बंटवारे में लखनऊ सपा के खेमे में है। सपा ने बीजेपी को टक्कर देने के लिए लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा को टिकट दिया है। मतलब साफ है कि 18वें आम चुनावों में भी कांग्रेस बीजेपी से उसका गढ़ छीनने में नाकाम रहेगी।

Open in App
Advertisement
Tags :
lok sabha election 2024UP election newsUP Lok Sabha ElectionUP Lok Sabha seats
Advertisement
Advertisement