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सोन‍िया की रायबरेली में अब कौन? 20 साल का सूखा खत्‍म करने को BJP के पास ये ब्रह्मास्‍त्र

Raebareli Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए सभी पार्टियों ने अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। मगर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाली रायबरेली पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। कांग्रेया या बीजेपी में से किसी ने इस सीट पर अपना चुनावी उम्मीदवार नहीं उतारा है।
04:59 PM Mar 19, 2024 IST | News24 हिंदी
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Raebareli Lok Sabha Election 2024: 18वें लोकसभा चुनावों का शंखनाद हो चुका है। इन चुनावों में बीजेपी तीसरी बार जीत हासिल करके हैट्रिक लगाने की कोशिश में है। तो कांग्रेस कमबैक करने की जद्दोजहद में जुटी है। हालांकि हार और जीत से परे उत्तर प्रदेश की एक सीट दोनों ही पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है। हम बात कर रहे हैं रायबरेली की। कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाली रायबरेली से बीजेपी को जीत तभी मिली है, जब गांधी परिवार के किसी सदस्य ने इस सीट से चुनाव नहीं लड़ा है।

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रायबरेली इंदिरा गांधी की लोकसभा सीट रह चुकी है। 2004 में एक्टिव पॉलिटिक्स का हिस्सा बनने के बाद इंदिरा की कमान सोनिया ने अपने हाथों में ले ली। तब से लेकर आज तक 20 सालों से सोनिया रायबरेली से सांसद रहीं। मगर अब उन्होंने खराब सेहत के कारण रायबरेली से चुनाव ना लड़ने का फैसला किया और राज्यसभा से संसद पहुंच गईं। लिहाजा सोनिया की सीट अब खाली है। तो सवाल यह है कि क्या अब सोनिया की कमान प्रियंका गांधी संभालेंगी?

कांग्रेस बनाम बीजेपी

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सोनिया की गैरमौजूदगी में बीजेपी कांग्रेस के इस गढ़ को तोड़ने में पूरा जोर लगाएगी। क्योंकि बात यहां सिर्फ एक सीट की नहीं बल्कि प्रतिष्ठा की है। अमेठी पहले ही कांग्रेस के हाथों से जा चुका है और अब बीजेपी की नजर रायबरेली पर टिकी है। जाहिर है अगर कांग्रेस अपना दूसरा गढ़ भी खो देती है, तो उत्तर प्रदेश से शायद कांग्रेस का पत्ता हमेशा के लिए साफ हो जाएगा। बता दें कि रायबरेली से बीजेपी केवल दो बार 1996 और 1998 में ही चुनाव जीती है। इस दौरान गांधी परिवार का कोई भी प्रत्याशी ना होने के कारण बीजेपी नेता अशोक सिंह रायबरेली से सांसद बने थे। मगर सोनिया की वापसी के बाद मोदी लहर भी कांग्रेस के इस किलो को भेदने में नाकाम रही है।

गांधी वर्सेज गांधी

रायबरेली को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों में रार छिड़ी है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इंदिरा और सोनिया की विरासत प्रियंका गांधी को मिल सकती है। यानी प्रियंका गांधी सोनिया की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं। ऐसे में बीजेपी भी लोहे को लोहे से काटने की कोशिश करेगी। लिहाजा प्रियंका को टक्कर देने के लिए भाजपा गांधी परिवार के ही सदस्य वरुण गांधी को रायबरेली से टिकट दे सकती है। जिससे प्रियंका और वरुण आमने-सामने होंगे और रायबरेली के रण में गांधी वर्सेज गांधी की लड़ाई देखने को मिलेगी।

प्रियंका नहीं तो कौन?

खबरें तो यह भी हैं कि राहुल गांधी की तरह प्रियंका गांधी भी यूपी की किसी भी सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या कांग्रेस अपने सालों पुराने गढ़ को ऐसे ही छोड़ देगी या रायबरेली का रण जीतने के लिए कांग्रेस किसी प्रबल उम्मीदवार को उतारेगी? अगर ऐसा होता है तो सुप्रिया श्रीनेत कांग्रेस पार्टी की पहली पसंद हो सकती हैं। सुप्रिया भी गांधी परिवार के बेहद करीब हैं और इससे पहले भी गांधी परिवार ने अपने करीबियों को अमेठी और रायबरेली से चुनावी मैदान में उतारा है।

बीजेपी चलाएगी ब्रह्मास्त्र

कांग्रेस के गढ़ पर कब्जा करने के लिए बीजेपी भी तगड़ा ब्रह्मास्त्र चला सकती है। मगर सवाल फिर वही है कि बीजेपी के तरकश में ऐसे कौन से तीर हैं, जिन्हें वो रायबरेली के रण में छोड़ सकती है। वरुण गांधी के बाद इस लिस्ट में नूपुर शर्मा का नाम सामने आ रहा है। बीजेपी की मशहूर प्रवक्ता रह चुकीं नूपुर शर्मा ने कुछ दिनों पहले अपने बयानों को लेकर काफी सुर्खियां बटोरी थीं, जिससे नूपुर की फैन फॉलोइंग रातों रात बढ़ गई थी। खासकर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद नूपुर की हिन्दुत्व छवि में इजाफा हुआ है। ऐसे में रायबरेली से नूपुर का नॉमिनेशन बीजेपी के लिए बड़ा ब्रह्मास्त्र साबित हो सकता है। वहीं, आम चुनावों में नूपुर बीजेपी की स्टार प्रचारक के रूप में उभर सकती हैं।

यह भी पढ़ें - रायबरेली में क्या कांग्रेस बचा पाएगी 20 साल पुराना गढ़? या अमेठी की तरह बीजेपी फहराएगी जीत का परचम!

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