मुजफ्फरनगर दंगों के दोषी भाजपा विधायक को एक और झटका, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले में वर्ष 2013 में दंगों (Muzaffarnagar Riot) में दोषी पाए गए भाजपा विधायक विक्रम सैनी (Vikram Saini) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से झटका लगा है। कोर्ट ने सजा के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया है। बता दें कि वर्ष 2013 में प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार थी। पिछले दिनों जिला कोर्ट ने भाजपा विधायक समेत 12 लोगों को दोषी करार देते हुए दो साल सश्रम और 10 लाख रुपये की सजा सुनाई थी।
विधायक समेत 12 लोगों को सुनाई थी सजा
11 अक्टूबर 2022 को मुजफ्फरनगर एमपी/एमएलए कोर्ट ने भाजपा विधायक विक्रम सैनी समेत 12 लोगों को मुजफ्फरनगर दंगों में दोषी पाते हुए दो-दो साल की सजा सुनाई थी। साथ ही जुर्माना भी लगाया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा की ओर से 4 नवंबर को उन्हें विधायक पद से अयोग्य घोषित कर दिया गया। उनकी विधानसभा सीट खाली होने के बाद चुनाव आयोग ने यहां उपचुनाव की घोषणा की। मुजफ्फरनगर कोर्ट की ओर से सुनाई गई सजा के खिलाफ भाजपा विधायक ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी।
अगस्त 2013 में हुए दंगे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में 27 अगस्त 2013 को गौरव और सचिन नाम के दो रिश्ते के भाइयों की हत्या की गई थी। इसके अगले दिन ही मुजफ्फरनगर में दंगे भड़क गए। इन दंगों में कई लोगों की जानें गईं थीं। पुलिस को इस दौरान हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी। लूटमार, आगजनी और घटनाओं को देखते हुए इलाके में सेना की तैनाती की गई थी। इसके बाद तत्कालीन थाना प्रभारी ने भाजपा विधायक समेत 27 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
सजा सुनाए जाने के बाद आजम की भी विधायकी गई
बता दें कि उत्तर प्रदेश के ही रामपुर जिले में सदर विधानसभा सीट से विधायक आजम खान को कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा से अयोग्य घोषित किया गया है। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान उन पर हेट स्पीच का आरोप है। रामपुर कोर्ट की ओर से उन्हें भी सजा सुनाई गई थी। चुनाव आयोग की ओर से रामपुर सदर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव कराया जा रहा है।