'ढाल गाड़ा तो देशद्रोही कहलाओगे...', सीओ अनुज चौधरी के बाद चर्चा में एक और अफसर, कौन हैं एएसपी श्रीशचंद्र
यूपी की संभल पुलिस एक बार फिर चर्चा में हैं। संभल के एएसपी श्रीशचंद्र का एक बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें वे कहते नजर आ रहे हैं कि जिसने देश को लूटा, उसके नाम पर मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा। अगर किसी ने नेजा मेले की ढाल गाड़ने के लिए रैली निकाली, तो वह राष्ट्रद्रोही कहलाएगा। अगर मेला लगाना है तो मजिस्ट्रेट से बात करो। वे सोमवार को सैयद सालार मसूद गाजी की याद में लगने वाले नेजा मेले को लेकर मेला कमेटी के साथ बैठक कर रहे थे। ऐसे में आइये जानते हैं कौन हैं एएसपी श्रीशचंद्र?
जानें कौन हैं एएसपी श्रीशचंद्र?
श्रीशचंद्र यूपी पुलिस के पीपीएस अधिकारी हैं और हाल में संभल के बहजोई में अपर पुलिस अधीक्षक के पद तैनात हैं। 14 जुलाई 1977 को जन्में श्रीशचंद्र मूल रूप से फतेहपुर के रहने वाले हैं। उनके पिता का सुखराम सोनकर है। 2004 से अब तक यूपी के कई जिलों में सेवा दे चुके हैं। 23 अगस्त 2022 को उनकी तैनाती संभल में हुई थी। वे तब से यहीं तैनात हैं। एएसपी श्रीशचंद्र ने हिंदी से एमफिल और पीएचडी की है। 2022 में संभल में तैनात होने से पहले वे पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के पीआरओ भी रह चुके हैं।
क्या आज के दौर में औरंगजेब पर चर्चा की जरूरत है?
- हां, इतिहास को भूला नहीं जा सकता
- नहीं, आज के समय में इसकी कोई जरूरत नहीं
- इससे अहम कई मुद्दे हैं जिन पर चर्चा जरूरी
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किसके नाम पर मेले का आयोजन?
एएसपी श्रीशचंद्र प्रयागराज में एएसपी के पद पर तैनात रहे हैं। हाल ही उनके होली खेलते हुए कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। संभल में मेला कमेटी के साथ हुई मीटिंग का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। मीटिंग के दौरान एएसपी ने पूछा आप किसके नाम पर मेले का आयोजन करते हैं?
सीओ संभल बटोर चुके चर्चा
एएसपी ने आगे कहा कि जिसने सोमनाथ मंदिर का लूटा, उस लुटेरे की याद में मेला नहीं लगेगा। याद रहे अगर ढाल गाड़ा गया तो आप देशद्रोही कहलाएंगे। लुटेरे की याद में मेला कैसे लगा सकते हैं? फिर भी अगर आपको लगता है तो बड़े अफसरों को एप्लिकेशन दीजिए। बता दें कि इससे पहले होली पर अपने बयान को लेकर संभल सीओ अनुज चौधरी ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। उन्होंने होली पर सद्भावना कमिटी की मीटिंग के दौरान कहा था कि होली एक बार आती है और जुमा साल में 52 बार। ऐसे में अगर किसी को रंगों से परहेज है तो वह घर पर रहकर ही नमाज पढ़ें।
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