Good News! टनल में 39 मीटर की ड्रिलिंग पूरी, 48 घंटे में उत्तरकाशी सुरंग से बाहर आ सकते हैं 41 मजदूर
Uttarakhand Tunnel Rescue Operation Latest Update: उत्तरकाशी के सिल्कयारा टनल में 11 दिन से फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए जद्दोजहद जारी हैं। टनल के प्रवेश द्वार से एक बार फिर ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू हो चुकी है। अभी तक 39 मीटर की ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है। इससे पहले 17 नवंबर को चट्टान आने के बाद ड्रिलिंग रोकनी पड़ी थी। उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में 12 नवंबर दिवाली के दिन से 41 मजदूर फंसे हैं। इस बीच केंद्र और राज्य की कई एजेंसियां मिलकर बचाव अभियान को अंजाम देने में जुटी है।
जानकारी के अनुसार बचाव अभियान की सबसे बड़ी उम्मीद ऑगर मशीन है। अगर कोई रुकावट नहीं आई तो रेस्क्यू ऑपरेशन 2 दिन में पूरा हो सकता है। इस बीच सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के पुरी में रेत की एक मूर्ति बनाकर अंदर फंसे मजदूरों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। इससे पहले मंगलवार को 10 दिन बाद पहली बार मजदूरों को खाना पहुंचाया गया।
इसके साथ ही टनल में फंसे मजदूरों की पहली तस्वीर देश के सामने आई। टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित देख उनहे परिजनों ने भी राहत की सांस ली। हालांकि वे अभी भी टनल के बाहर डेरा जमाकर बैठे हैं और उनके बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं।
गुजरात-ओडिशा से पहुंचेगी 2 मशीनें
इस बीच आज से वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू हो सकती है। आज ओडिशा और गुजरात से आ रही ड्रिलिंग मशीनों के जरिए यह ड्रिलिंग शुरू हो सकती है। फिलहाल इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट डिक्स अर्नोल्ड के साथ अधिकारी मिलकर 3 प्लान पर काम कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार पहला प्लान ऑगर मशीन से है। अगर कोई रुकावट नहीं आती है तो 2-3 दिन में सुंरग बनाकर मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है। हालांकि इसमें एक डर यह भी है कि ड्रिलिंग के दौरान और मलबा आ सकता है इसलिए दूसरी ओर से ड्रिलिंग मशीनें बुलाई गई हैं।
तीन योजनाओं पर हो रहा काम
दूसरी योजना सिलक्यारा टनल की दोनों साइड की खुदाई करके रास्ता बनाने की है इस काम में 10-15 दिन लग सकते हैं। वहीं तीसरी योजना के अनुसार डंडालगांव की ओर से टनल की खुदाई है इस काम में 35-40 दिन लग सकते हैं। इस बीच मंगलवार शाम को मजदूरों को खाना भेजा गया इसके साथ सेब, केले और संतरे भी भेजे गए। फिलहाल टनल में मौजूद सभी 41 मजदूर शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं।
जानें अब तक के बड़े अपडेट
- मजदूरों के रेस्क्यू के लिए पहुंची 4 मशीनें अब तक खराब हो चुकी है। आज दो और मशीनों के उत्तरकाशी पहुंचने की संभावना है इसके लिए ग्रीन काॅरिडोर भी बनाया गया।
- सोमवार को सबसे बड़ी सफलता तब मिली जब टनल में 6 इंच का पाइप डालकर 10 दिन से फंसे मजदूरों तक खाना पहुंचाया गया। वहीं एंडोस्कोपी कैमरे के जरिए मजदूरों की पहली तस्वीर सामने आई। सभी मजदूर ठीक हैं।
- एजेंसियों मजदूरों को बाहर निकालने के लिए इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट डिक्स अर्नोल्ड की मदद भी ले रही है। इसके लिए वे भी फिलहाल घटनास्थल पर मौजूद हैं और अधिकारियों को हरसंभव मदद दे रहे हैं।
- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पुष्कर सिंह धामी 19 नंवबर को उत्तरकाशी पहुंचे और राहत कार्यों का जायजा लिया। गडकरी ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता मजदूरों को बाहर निकालना है। उन्होंने कहा कि पीएमओ मामले पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।