होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

नजूल बिल क्या? जिसे विधानसभा में पास कराने के बाद पीछे हटी योगी सरकार, पढ़ें इनसाइड स्टोरी

Nazul Bill UP: योगी सरकार के बहुप्रतीक्षित नजूल लैंड बिल अब ठंडे बस्ते में चला गया है। जानकारी के अनुसार बीजेपी के विधायकों ने इसे लेकर सीएम योगी से मीटिंग की और बिल की कमियां गिनाईं। इसके बाद इसको लेकर एक रणनीति बनाई गई।
12:11 PM Aug 02, 2024 IST | Rakesh Choudhary
नजूल लैंड बिल को लेकर बैकफुट पर क्यों आई योगी सरकार
Advertisement

Nazul Bill UP: यूपी विधानपरिषद में मानसून सत्र के आखिरी दिन योगी सरकार ने नजूल विधेयक पेश किया। लेकिन यहां बीजेपी एमएलसी और अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बिल को प्रवर समिति के पास भेजने की सिफारिश की। इससे पहले इस विधेयक को बुधवार को विधानसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया था। ऐसे में विधानसभा से पारित होने के एक दिन बाद ही योगी सरकार इस बिल से पीछे हट गई है। विधान परिषद में जब केशव मौर्या इस विधेयक को पेश कर रहे थे उस वक्त बीजेपी अध्यक्ष और एमएलसी भूपेंद्र चौधरी ने इसे प्रवर समिति को भेजने की सिफारिश कर दी।

Advertisement

क्या सरकार नजूल विधेयक को बिना किसी चर्चा के ही विधानसभा में लाई थी। ऐसा क्या कारण रहा कि योगी सरकार को इस बिल को ठंडे बस्ते में डालना पड़ा। जैसे ही डिप्टी सीएम केशव मौर्या संपत्ति विधेयक को विधान परिषद में पेश करते हैं इसके बाद एमएलसी भूपेंद्र चौधरी इस पर आम सहमति नहीं बन पाने की बात कहकर उसे प्रवर समिति को भेज देने की बात कह देते हैं। ऐसे में योगी सरकार के विधेयक को विधान परिषद में रोके जाने को लेकर लखनऊ के सियासी गलियारों में चर्चा चली कि सरकार के फैसले को संगठन ने रोक दिया है।

बिल को लेकर बीजेपी विधायकों ने किया विरोध

विधानसभा में बीजेपी के विधायकों ने इस बिल को लेकर जमकर विरोध किया। बीजेपी विधायक हर्ष वाजपेयी और प्रयागराज से विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह ने राजा भैया और विपक्ष के विधायकों के साथ मिलकर विरोध किया। विधायकों ने बिल में संशोधन की मांग की। उन्होंने कहा कि नजूल जमीन पर लीज बढ़ाने का प्रावधान होना चाहिए। ऐसे में सरकार ने इसे बढ़ाकर 30 साल कर दिया।

ये भी पढ़ेंः ‘सिर्फ 9 सेकंड में अतीक अहमद-अशरफ की हुई थी हत्या, पुलिस को…’; जानें जांच रिपोर्ट में क्या-क्या हुआ खुलासा

Advertisement

सरकार ने बनाया ये प्लान

जानकारों की मानें तो विधानसभा में बिल के ध्वनि मत से पारित होने के बाद बीजेपी के कई विधायकों ने बुधवार शाम को सीएम योगी से मुलाकात की। उन्होंने बिल में खामियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि इससे लाखों लोग प्रभावित होंगे। पीढ़ियों से बसे लोगों से प्रशासन जब चाहेगा तब जमीन और जायदाद छीन लेगा। इसके बाद सीएम, दोनों डिप्टी सीएम और संसदीय कार्य मंत्री ने मिलकर रणनीति बनाई और विधान परिषद में भूपेंद्र चौधरी को बिल को प्रवर समिति के पास भेजने की सिफारिश करने की बात कही।

ये भी पढ़ेंः सीएम योगी और जयंत चौधरी की मुलाकात के क्या है सियासी मायने? उपचुनाव में सीट बंटवारे को लेकर बन गई बात!

ऐसे में यह सब कुछ एक प्लान के अनुसार हुआ। क्योंकि बिल विधानसभा से पास हो चुका था। ऐसे में अब उसे विधान परिषद को भेजना था। विधान परिषद में बिल के पेश होते ही उसे भूपेंद्र चौधरी ने उसे प्रवर समिति को भेजने की सिफारिश कर दी।

जानें क्या है नजूल भूमि

बता दें कि आजादी से पहले आंदोलन करने वालों की जमीनों को तत्कालीन अंग्रेज सरकार जब्त कर लेती थी। आजादी के बाद ये जमीन सरकार के हिस्से में चली गई। इसके बाद राज्य सरकारें इस जमीन को 15 से 99 साल के लिए लीज पर देने लगी। बता दें कि पूरे देश में नजूल की भूमि है।

Open in App
Advertisement
Tags :
Nazul landUP assemblyUP Newsyogi adityanath
Advertisement
Advertisement