1 वोट से कैसे गिरी सरकार? अटल कैसे बने प्रधानमंत्री?
Atal Bihari Vajpayee Prime Minister Journey: 1996 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 12 नवंबर 1995 को मुंबई में भाजपा का महाधिवेशन चल रहा था। उन दिनों लालकृष्ण आडवाणी भाजपा के अध्यक्ष हुआ करते थे और पार्टी के सबसे कद्दावर नेता भी। राम रथ यात्रा के जरिए आडवाणी लोगों के बीच लोकप्रिय हो गए थे। ऐसे में, सबको उम्मीद थी कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए आडवाणी ही भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार होंगे। महाधिवेशन के दौरान आडवाणी ने ऐलान किया कि अटल बिहार बाजपेयी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।
उनके ऐलान के बाद बैठक में सन्नाटा छा गया और थोड़ी देर बाद एक नेता ने जोर का नारा लगाते हुए कहा कि 'अगली बारी, अटल बिहारी'। पीएम उम्मीदवार बनाए जाने के बाद अटल बिहारी बाजपेयी ने नारा दिया 'अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा।' हवाला कांड में नाम सामने आने के बाद आडवाणी के लिए जनता का भरोसा जीतना मुश्किल था। वह यह बात बखूबी जानते थे और इसी वजह से उन्होंने अटल बिहारी बाजपाई उम्मीदवार के रूप में खड़ा किया।