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आग और पानी साथ नहीं रह सकते...15 साल पुराने घरेलू हिंसा मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट का अहम फैसला

Bombay High Court Statement: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 15 साल पुराने घरेलू हिंसा केस में अहम टिप्पणी करते हुए फैसला सुनाया है। कैश मुआवजा और एक घर देने का निर्देश पति को मिला है, वहीं हाईकोर्ट ने पति-पत्नी के रिश्ते को लेकर एक टिप्पणी भी की। आइए जानते हैं कि क्या कहा?
01:53 PM May 31, 2024 IST | Khushbu Goyal
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Bombay High Court Verdict: 15 साल घरेलू हिंसा का एक केस बॉम्बे हाईकोर्ट में चल रहा था। केस का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया, साथ ही अहम टिप्पणी भी की। फैसला जस्टिस जितेंद्र जैन ने सुनाया। उन्होंने पत्नी को 30 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। साथ ही पत्नी को 200 वर्ग मीटर एरिया वाला घर भी मुआवजे में देने को कहा। 15 साल चली सुनवाई के बाद केस का निपटारा हुआ और पत्नी ने मुआवजे में घर की मांग की, जो उसे मिल गया, क्योंकि उसके पास रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं था।

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वहीं पत्नी को घर देने में एक शर्त यह रहेगी, पति उसी एरिया में घर खरीदेगा, जहां पत्नी अभी रह रही है। घर का मालिक पति रहेगा, लेकिन पत्नी वहां तब तक रहेगी, जब तक दोनों के बीच तलाक नहीं हो जाता, लेकिन पत्नी ने कहा कि फाइनल फैसला आने तक वह वहां रहेगी और उसे अलग से 200 वर्ग मीटर वाला घर चाहिए। केस में सबसे अहम है, जस्टिस की वह टिप्पणी, जो उन्होंने फैसला सुनाते हुए की थी। आइए देखते हैं कि आखिर जस्टिस ने पति-पत्नी के रिश्ते पर ऐसा क्या था?

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Bombay High CourtDomestic violenceRelationships News
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