होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Video: चुनाव से पहले नीतीश सरकार को सुप्रीम कोर्ट की लताड़; क्यों पलटा 9 साल पुराना फैसला?

Supreme Court Rebuked Nitish Govt: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कुमार की सरकार को 9 साल पुराने एक फैसले पर फटकार लगाई है। इसके साथ ही, कोर्ट ने बिहार सरकार के इस पुराने फैसले को संविधान के खिलाफ बताते हुए इसे निरस्त कर दिया है।
05:51 PM Jul 17, 2024 IST | Pooja Mishra
Advertisement

Supreme Court Rebuked Nitish Govt: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कुमार की सरकार के 9 साल पुराने एक फैसले को निरस्त कर दिया है। मामला साल 2015 का है, जब नीतीश कुमार की सरकार ने तांती-तंतवा जाति को अनुसूचित जाति (SC) में शामिल कर लिया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस विक्रम नाथ और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने कहा कि किसी राज्य सरकार को यह अधिकार नहीं है कि वह SC की सूची में किसी जाति का नाम जोड़े या हटाए। यह अधिकार सिर्फ संसद के पास है। वहीं नीतीश सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के साथ शरारत बताया है।

Advertisement

कोर्ट ने कहा कि किसी भी जाति को SC सूची में शामिल करने से अनुसूचित जाति के लोगों के हकमारी होती है। संविधान के आर्टिकल 341 के तहत राज्य को SC सूची में छेड़छाड़ करने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए बिहार सरकार द्वारा 2015 में जारी किया गया संकल्प अवैध है और इसे रद्द किया जाता है। बिहार सरकार के साथ सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट को भी फटकार लगाई है।

Open in App
Advertisement
Tags :
Supreme Court
Advertisement
Advertisement