Vikas Divyakirti की अनसुनी कहानी, 12वीं फेल, मंत्रालय की नौकरी ठुकराई और अपार संपत्ति...
Vikas Divyakirti story in hindi: ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर हादसे के बाद एक नाम पर काफी चर्चा है वह है विकास दिव्यकीर्ति. दृष्टि आईएएस के डायरेक्टर विकास दिव्यकीर्ति से लोग इस मामले में छात्रों की आवाज उठाने की मांग कर रहे हैं। बता दें राजेंद्र नगर हादसे में तीन छात्रों की मौत हुई है, जिसके बाद दिल्ली नगर निगम ने विकास दिव्यकीर्ति के मुखर्जी नगर के कोचिंग समेत अन्य कुल 13 कोचिंग सेंटरों को सील किया है।
गृह मंत्रालय में थी पहली नौकरी
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाल छात्रों में विकास दिव्यकीर्ति अपनी अलग ही पहचान रखते हैं। अक्सर सोशल मीडिया में छाए रहने वाले विकास की पहली नौकरी गृह मंत्रालय में थी। जानकारी के अनुसार उन्होंने साल 1996 में यूपीएससी में AIR 384 हासिल की थी और गृह मंत्रालय में उनकी पोस्टिंग हुई। लेकिन नौकरी से ज्यादा उनकी रुचि पढ़ने और पढ़ाने के काम में थी।
कब और क्यों की थी दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर की शुरुआत?
बताया जाता है कि स्पोंडिलोसिस की शिकायत होने के बाद साल 1999 में उन्होंने दिल्ली के मुखर्जी नगर में दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर की स्थापना की और नौकरी छोड़ दी। जानकारी के अनुसार 26 दिसंबर, 1973 को हरियाणा उनका जन्म हुआ था। विकास दिव्यकीर्ति के पिता महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में हिंदी साहित्य के प्रोफेसर थे। उनकी मां भिवानी में एक पीजीटी शिक्षिका थीं। विकास के एक भाई अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर और दूसरा सीबीआई में डीआईजी है।
अगर शिक्षक न होता तो राजनेता बनता
विकास दिव्यकीर्ति ने भिवानी के सरस्वती शिशु मंदिर से स्कूल की पढ़ाई की है। दिल्ली के जाकिर हुसैन कॉलेज से उन्होंने ग्रैजुएशन की पढ़ाई की है। जानकारी के अनुसार वह पीएचडी है और उनका यूपीएससी की कोचिंग सेंटर चलाते हैं। हाल ही में एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि 'अगर मैं यूपीएससी में न आता तो शायद मैं कहीं का विधायक या पार्षद जैसा कुछ होता।