खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

Vote For Note Case: सुप्रीम कोर्ट ने पलटा पुराना फैसला, समझिए आखिर क्या है पूरा मामला?

Vote For Note Case History: वोट फॉर नोट केस में नया फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना ही पुराना फैसला पलट दिया है, जिससे सांसदों और विधायकों को बड़ा झटका लगेगा। सबसे ज्यादा प्रभाव झारखंड मुक्ति मोर्चा की एक महिला नेता पर पड़ेगा। आइए जानते हैं कि आखिर वोट फॉर नोट क्या है?
11:30 AM Mar 04, 2024 IST | Khushbu Goyal
Advertisement

Vote For Note Case History: वोट फॉर नोट केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपना ही पुराना फैसला पलट दिया है। पुराना फैसला 1998 में दिया गया था, जिसे अब बदलते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों और सांसदों को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि अब वोट के बदले पैसे लिए तो सांसदों-विधायकों की खैर नहीं। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Advertisement

केस में फैसला 7 सदस्यीय पीठ ने सुनाया, जिसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूढ़ कर रहे हैं। वहीं इस फैसले से सबसे ज्यादा झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की नेता सीता सोरेन प्रभावित होगी। उन्होंने राज्यसभा चुनाव 2012 में विधायक पद पर रहते हुए सुप्रीम कोर्ट से पैसे लेकर वोट डालने के मामले में राहत देने की अपील की थी। न्यूज24 के रिपोर्टर मानव मिश्रा से समझिए आखिर क्या है पूरा मामला?

Advertisement
Tags :
jharkhand mukti morchaSupreme Court of India
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement