एक चूक ने छीनी थीं 295 जिंदगियां, आज ही के दिन टेक्सास के स्कूल में हुआ था भीषण हादसा
आज के दिन का इतिहास उस भयानक और दर्दनाक त्रासदी से जुड़ा है, जिसमें एक चूक के कारण 295 स्कूल स्टूडेंट्स और टीचर्स की जान चली गई थी। यह हादसा अमेरिका के टेक्सास शहर में हुआ था और उस त्रासदी को न्यू लंदन स्कूल विस्फोट के नाम से जाना जाता है। आज से 88 साल पहले 18 मार्च 1937 को टेक्सास शहर में बने न्यू लंदन स्कूल में प्राकृतिक गैस के रिसाव से इतना भीषण विस्फोट हुआ था था कि स्कूल के चिथड़े उड़ गए थे। उस विस्फोट के बाद हादसास्थल पर जो मंजर देखने का मिला, उसने लोगों का दिल दहला दिया। इस हादसे को वर्ष 1900 के गैल्वेस्टन डिजास्टर और 1947 की टेक्सास सिटी ट्रेजेडी के बाद टेक्सास के इतिहास का तीसरा सबसे घातक हादसा कहा गया। आइए जानते है कि 18 मार्च 1937 के दिन क्या हुआ था?
क्या आज के दौर में औरंगजेब पर चर्चा की जरूरत है?
- हां, इतिहास को भूला नहीं जा सकता
- नहीं, आज के समय में इसकी कोई जरूरत नहीं
- इससे अहम कई मुद्दे हैं जिन पर चर्चा जरूरी
इस तरह हुआ था हादसा
इतिहास में दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार, 18 मार्च 1937 को शुक्रवार था और स्कूल हर रोज की तरह लगा था। ईस्ट टेक्सास में न्यू लंदन स्कूल नया-नया बना था। दोपहर के समय बच्चे छुट्टी होने का इंतज़ार कर रहे थे। स्कूल की मेन बिल्डिंग से दूर 100 फीट दूर बने ऑडिटोरियम में PTA मीटिंग चल रही थी और मां-बाप अपने बच्चों के साथ थे। छोटे-छोटे बच्चे ऑडिटोरियम में डांस परफॉर्मेंस दे रहे थे। एग्जाम भी चल रहे थे। वीकएंड पर होने वाले स्पोर्ट्स कंपीटिशन की तैयारियां ग्राउंड में चल रही थीं।
मेन बिल्डिंग में लगभग 500 छात्र और 40 शिक्षक थे। अचानक एक टीचर लेम्मी आर. बटलर ने एक इलेक्ट्रिक सैंडर ऑन कर दिया। इस दौरान सैंडर के स्विच से एक चिंगारी निकली, जिससे बेसमेंट में भरी गैस में आग भड़क गई थी। इससे भयानक विस्फोट हुआ, जिसने स्कूल की बिल्डिंग को ध्वस्त कर दिया। छत बिल्डिंग से ऊपर उठ गई और धड़ाम से नीचे आ गिरी। स्कूल की दीवारें गिरने लगीं। ईंट-कांच और लकड़ी के बीम हवा में उड़ने लगे। कुछ ही मिनटों में सबकुछ तहस नहस हो गया।
10 एकड़ (4 हेक्टेयर) में बना स्कूल मलबे और लाशों का ढेर बन गया। आसमान काले धुएं से भर गया। धमाके की आवाज सुनकर लोग दौड़े आए। पुलिस, डॉक्टरों, रेस्क्यू टीमों ने मिलकर बचाव अभियान चलाया। धमाके से कुछ सेकेंड पहले स्कूल बस ड्राइवर लोनी बार्बर प्राइमरी बच्चों को लेकर निकला था, जिनकी जान किस्मत से बच गई। बार्बर ने 2 घंटे का सफर करके बच्चों को उनके घर छोड़ा और फिर अपने 4 बच्चों की तलाश में स्कूल वापस आया। उनके बेटे आर्डेन की हादसे में जान गई थी। मृतकों में ज्यादातर बच्चे 5वीं से 11वीं क्लास के थे, क्योंकि छोटे छात्रों को एक अलग बिल्डिंग में पढ़ाया जाता था। मृतकों को न्यू लंदन के पास प्लीजेंट हिल कब्रिस्तान में दफनाया गया था।
जांच में पता चला हादसे का कारण
न्यू लंदन स्कूल के निर्माण में एक मिलियन डॉलर खर्च हुआ था और यह देश के सबसे अमीर स्कूलों में से एक था, जिसे कच्चे तेल के पैसे से बनाया गया था, लेकिन इतने बड़े स्कूल में हुए हादसे ने पूरे देश को हिला दिया था। सरकार के आदेश पर यूनाइटेड स्टेट्स ब्यूरो ऑफ माइंस ने हादसे की जांच की, जिसके विशेषज्ञों ने निष्कर्ष निकाला कि स्कूल में गैस लाइन के कनेक्शन में कमियां थी। गलत तरीके से कनेक्शन के कारण ही स्कूल में गैस लीक हो गई थी, क्योंकि प्राकृतिक गैस अदृश्य और गंधहीन होती है, इसलिए रिसाव का पता नहीं चल पाया। माना जाता है कि सैंडर के स्विच से निकली चिंगारी ने ही आग भड़काई थी।