समंदर में इस जगह पर है जहाजों का कब्रिस्तान; जहां जाने के नाम से ही कांपते हैं कप्तान
Drake Passage: दुनिया में एक तिहाई भाग पानी से ढका है। पहले जब एयरप्लेन नहीं हुआ करते थे तब समुद्री मार्गों से ही लोग अपनी यात्रा किया करते थे। उस समय कई महीनों में यात्रा पूरी हुआ करती थी। इसके अलावा इस सफर में कई बार हादसे होते थे, लोग अपनी मंजिल तक पहुंच ही नहीं पाते थे। आज इसकी बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आज हम आपको बताएंगे ड्रेक पैसेज के बारे में, जो दक्षिण अमेरिका के केप हॉर्न और अंटार्कटिका के साउथ शेटलैंड द्वीपों के बीच में पड़ता है। इस रास्ते से होकर जाने वाले समुद्री जहाजों के डूबने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है।
ड्रेक पैसेज की कहानी
ड्रेक पैसेज का नाम सर फ्रांसिस ड्रेक के नाम पर रखा गया था। वो एक समुद्री खोजकर्ता थे, उन्होंने 1578 में दक्षिणी सागर की अपनी यात्रा के दौरान इसकी खोज की थी। इस पैसेज को समुद्री जहाजों का कब्रिस्तान भी कहा जाता है। ये अमेरिका का सामरिक जलमार्ग है, जो टलांटिक महासागर को प्रशांत महासागर को एक साथ जोड़ने का काम करता है।
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क्यों खतरनाक है ड्रेक पैसेज?
ड्रेक पैसेज बहुत बड़े एरिया में फैला है, जो लगभग 800 किलोमीटर में फैला है। इसकी गहराई की बात करें तो ये 3,400 से 4,800 मीटर है। इस रास्ते 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती हैं। इसमें क्षिणी महासागर की खतरनाक लहरें अटलांटिक और प्रशांत महासागरों के बीच से गुजरती हैं जिसकी वजह से ये रास्ता खरतनाक हो जाता है। यहां के मौसम का अचानक से बदलते रहना भी बहुत खतरनाक साबित होता है।
500 से ज्यादा जहाज डूबे
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस ड्रेक पैसेज में तब से अब तक 500 से ज्यादा जहाज डूब चुके हैं। जिसकी वजह से इसको समुद्री जहाजों के कब्रिस्तान के तौर पर भी जाना जाता है। इस रास्त पर छोटी नाव और नाविक जाने से डरते हैं, क्योंकि वो इसमें सर्वाइव नहीं कर पाएंगे। बड़े जहाज भी इस रास्ते पर जाने से पहले पूरी सिक्योरिटी का ख्याल रखते हैं।
कहा जाता है कि ड्रेक पैसेज तब खुला जब अंटार्कटिका प्लेट टेक्टोनिक्स की वजह से दक्षिण अमेरिका से अलग हो गया था। लेकिन इस बात को लेकर कोई जानकारी नहीं कि ये कब हुआ, ये बहस का मुद्दा है। अनुमान लगाया जाता है कि लगभग 49 से 17 (4 करोड़ 90 लाख) मिलियन साल पहले ये हुआ था।
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