खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

Operation Fantasia: जब रेडियोएक्टिव लोमड़ियों के जरिए US ने की थी दूसरा विश्व युद्ध जीतने की कोशिश

America Operation Fantasia: सेकेंड वर्ल्ड वार को लेकर एक रिसर्चर ने चौंकाने वाला दावा किया है। रिसर्चर ने बताया है कि जापान के पर्ल हार्बर पर हमले के बाद एक खास तरह की रणनीति बनाई गई थी। जिसका उद्देश्य जापानी सेना को डराना था। संयुक्त राज्य अमेरिका को पता था कि अगर युद्ध जीतना है, तो गुप्तचरों को बढ़ावा देना होगा।
07:01 PM May 18, 2024 IST | Parmod chaudhary
ऑपरेशन फैंटासिया।
Advertisement

Second World War: यूएस ने सेकेंड वर्ल्ड वार को जीतने के लिए ऑपरेशन फैंटासिया लॉन्च किया था। जापानी सेनाओं को डराने के लिए यूएस ने अंधेरे में चमकने वाली लोमड़ियों को यूज करने की प्लानिंग बनाई थी। संयुक्त राज्य को पता था कि युद्ध में गुप्तचरों की भूमिका अहम है। रणनीतिक सेवाओं के कार्यालय (ओएसएस) ने प्लानिंग को पर्ल हार्बर पर हमले के 6 महीने बाद तैयार किया था। पर्ल हार्बर पर दिसंबर 1941 में अटैक किया गया था। ओएसएस के अनुसंधान और विकास प्रमुख स्टैनली लोवेल ने युद्ध जीतने के लिए कई तरह की योजनाओं पर काम किया था।

Advertisement

चमगादड़ों से चिपकाए छोटे विस्फोटक से दुश्मन को तबाह करना और एक ऐसा रसायन दुश्मन पर छिड़कना, जिससे मल जैसी गंध आती हो। जैसे तरीके भी दुश्मन को शर्मिंदा करने के लिए खोजे गए थे। लेकिन दोनों योजनाएं फेल रहीं। इसके बाद ऑपरेशन फैंटासिया के तहत मनोवैज्ञानिक तौर पर अंधेरे में चमकने वालीं लोमड़ियों की मदद लेने की कोशिश भी की गई थी। ताकि दुश्मन का ध्यान भटकाया जा सके। ओएसएस के निदेशक विलियम डोनोवन ने लोवेल को बताया था कि उनका मकसद नाजियों और जापान की सेना को चकमा देना था।

यह भी पढ़ें:पाकिस्तान में बड़ा हादसा, सड़क से नीचे गिरा ट्रक; एक ही परिवार के 5 बच्चों समेत 13 लोगों की मौत

Advertisement

आरएंडडी के कार्यवाहक निदेशक एलन अब्राम्स ने उनसे आग्रह किया था कि प्राणी के आकार में ऐसा उपकरण बनाया जाए, जो हवाई हमला करने वालों को गलत गाइड कर सके। इस काम में एड सैलिंगर नामक व्यक्ति की मदद ली गई थी, जो जापान में व्यवसायी के तौर पर काम कर चुका था। सेलिंगर ने बताया था कि अलौकिक लोमड़ी को जापान में विनाश के अग्रदूत के तौर पर देखा जाता है। जिसका कहानियों में जिक्र होता है। इससे जापान की सेना के मनोबल को तोड़कर डर पैदा किया जा सकता है। उनका विश्वास था कि जापानी लोग यूएस की इस चाल में फंस जाएंगे। लोमड़ी के आकार के गुब्बारे जापान के ऊपर छोड़ने की प्लानिंग भी बनी थी। लोगों को लोमड़ी जैसा कुछ दिखे, इसकी गंध आए या दूसरे जानवरों के रोने की आवाज जापानी सेना को सुनाई दे। ताकि उसको पीछे हटने पर मजबूर किया जा सके।

अमेरिका में ऑपरेशन का विरोध भी हुआ था

यूएस ने पशु क्रूरता का ध्यान नहीं रखा और ल्यूमिनसेंट पेंट से लोमड़ियों को लेपित करने का काम किया था। जिससे वे रेडियोएक्टिव हो गई। बताया जाता है कि इस पेंट के खिलाफ 5 लड़कियों ने यूएस में 1928 में केस दायर किया था। इस पेंट का उपयोग घड़ी को चमकाने में होता था। लड़कियों का आरोप था कि इसमें रेडियोएक्टिव केमिकल है। लेकिन जांच में आरोप झूठे निकले थे। युद्ध में लगभग 30 लोमड़ियों का यूज किया गया था। पेंटिंग के दौरान लोमड़ियां ब्रश को निगल लेती थी। जिनसे इनके जबड़े को नुकसान पहुंचा था। बाद में इन लोमड़ियों को वाशिंगटन डीसी के रॉक क्रीक पार्क में छोड़ा गया था।

 

Advertisement
Tags :
us news in hindi
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement