प्राचीन दुनिया के 7 अजूबे जो नष्ट हो गए, क्या आप जानते हैं इनके बारे में?
हम सभी ताजमहल को दुनिया के एक अद्भुत अजूबे के रूप में जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्राचीन दुनिया में भी सात ऐसे अजूबे थे, जो अब नष्ट हो चुके हैं? इन अजूबों का इतिहास और उनकी निर्माण कला इतनी चमत्कारी थी कि आज भी लोग उनकी तकनीकी खूबसूरती के बारे में चर्चा करते हैं। ये अजूबे न केवल अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध थे, बल्कि उनके निर्माण में जो अद्भुत तकनीक और कला का इस्तेमाल किया गया था, वह भी अद्वितीय था। आइए जानते हैं...
लाइटहाउस ऑफ अलेक्जेंड्रिया
यह दुनिया का पहला लाइटहाउस था, जो 280-247 ईसा पूर्व के बीच इजिप्ट में बना था। यह 100 मीटर से भी ऊंचा था, लेकिन भूकंप के कारण यह नष्ट हो गया।
हैंगिंग गार्डन्स ऑफ बेबीलोन
यह बगीचा इराक के बेबीलोन में था और राजा ने अपनी पत्नी के लिए इसे रेगिस्तान के बीच में बनाया था। हालांकि इसकी असल जगह का पता नहीं चला और यह आज मिथक बन चुका है।
कोलोसस ऑफ रोड्स
ग्रीस के रोड्स शहर में स्थित इस विशालकाय मूर्ति की ऊंचाई 33 मीटर थी। यह मूर्ति 226 ईसा पूर्व के एक तूफान में नष्ट हो गई।
द टेम्पल ऑफ आर्टेमिस
तुर्की में स्थित इस मंदिर को तीन बार नष्ट किया गया। यह मंदिर इतनी सुंदरता से बना था कि इसे दुनिया के सात अजूबों में गिना जाता था।
द स्टैच्यू ऑफ ज्यूस एट ओलंपिया
ग्रीस में बनाई गई यह मूर्ति 12 मीटर लंबी थी और इसमें सोने और हाथी दांत का इस्तेमाल हुआ था। यह मूर्ति भी गुम हो गई है और आज तक इसका पता नहीं चल सका।
द माजलि एट हेलीकार्नेस
यह मकबरा तुर्की में स्थित था और रानी आर्टमिशिया ने इसे अपने पति के लिए बनवाया था। 15वीं सदी के भूकंप में यह नष्ट हो गया था।
द ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा
यह एकमात्र ऐसा अजूबा है जो आज भी अस्तित्व में है। यह पिरामिड 2570 ईसा पूर्व में बनाया गया था और अब भी दुनिया का सबसे बड़ा और रहस्यमय निर्माण माना जाता है।