नाबालिगों से दुष्कर्म, लड़कियों की तस्करी... कुछ ऐसी थी 'भगवान के बेटे' की दुनिया

Who Is Apollo Quiboloy : फिलीपींस के धर्मगुरु अपोलो क्विबोलोय पर आरोप है कि उसने लाखों की संख्या में महिलाओं और बच्चों को अपना शिकार बनाया। इस रिपोर्ट में जानिए आखिर कौन है यह शख्स जो खुद को भगवान का बेटा कहता है लेकिन, जिस पर धर्म की आड़ में इंसानियत को शर्मसार देने वाले काम करने का आरोप है।

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Self-Proclaimed 'Appointed Son of God' Apollo Quiboloy

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Apollo Quiboloy : धर्म के नाम पर लोगों की भावनाओं से खेलने वाले बाबाओं और कथित धर्मगुरुओं के बारे में आपने खूब सुना होगा। लेकिन, इस तरह के लोग सिर्फ भारत में ही नहीं हैं। रविवार को फिलीपींस में पुलिस ने अपोलो क्विबोलोय (Apollo Quiboloy) को गिरफ्तार किया था। अपोलो स्वघोषित 'भगवान का बेटा' (Appointed Son Of God) और किंगडम ऑफ जीसस क्राइस्ट चर्च का पादरी है। 2 सप्ताह से ज्यादा समय से उसकी तलाश करने के लिए अभियान चल रहा था। 74 साल के अपोलो पर नाबालिगों के साथ दुष्कर्म, चाइल्ड सेक्स ट्रैफिकिंग, सेक्सुअल अब्यूज और ह्यूमन ट्रैफिकिंग के आरोप हैं।

अपोलो कैरियन क्विबोलोय कोई आम धर्मगुरु नहीं है। दक्षिणी फिलीपींस में जन्मे अपोलो ने साल 1985 में किंगडम ऑफ जीसस क्राइस्ट की स्थापना की थी। यह एक धार्मिक संगठन है जो काफी तेजी से फैला और वर्तमान में फिलीपींस के अलावा 200 से अधिक देशों में इसके लाखों अनुयायी बन चुके हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार ईसाई धर्म की बातों को अपोलो के स्वघोषित दैवीय स्टेटस के साथ प्रचारित करने वाले इस संगठन ने फिलीपींस में बहुत जल्दी अपनी छवि काफी ताकवतवर कर ली थी। इसके साथ ही अपोलो भी इंडोनेशिया की एक बड़ी और बेहद प्रभावशाली शख्सियत बन गया था।

राजनीति में बनाई पकड़, बन गया किंगमेकर

फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटेर्ट के स्पिरिचुअल एडवाइजर के तौर पर जाना जाने वाले अपोलो क्विबोलोय ने स्थानीय और राष्ट्रीय राजनीति में भी अपनी पकड़ काफी अच्छी कर ली थी। अपने अनुयायियों के सहाने मतदान के स्तर को बढ़ाने की उसकी क्षमता ने जल्द ही उसे स्पिरिचुअल किंगमेकर का दर्जा दिला दिया। फिलीपींस के कई नेता चुनाव जीतने के लिए अपोलो के सपोर्ट को अनिवार्य मानते थे। अपने इसी राजनीतिक प्रभुत्व का फायदा उठाते हुए दवाओ सिटी में उसने 'न्यू येरुशलम' की नींव रखी थी जो 75 एकड़ के बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है। लेकिन अपोलो के इस 'राजपाट' का इतिहास बेहद काला है।

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सेक्स ट्रैफिकिंग समेत कई गंभीर आरोप लगे

अमेरिका और फिलीपींस की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अनुसार अपोलो का प्रभाव सिर्फ राजनीतिक नहीं था। उसने कथित तौर पर बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों को आस्था की आड़ में गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा और उनका सिस्टेमैटिक शोषण किया। 2021 में अमेरिका में अपोलो पर सेक्स ट्रैफिकिंग, सेक्सुअल अब्यूज, साजिश रचने और जबरन गुलामी करने के आरोपों में मुकदमा दाखिल किया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार अपोलो के कथित विक्टिम्स में 12 साल के छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे। इन्हें उसके निजी असिस्टेंट के तौर पर रिक्रूट किया जाता था जो उसकी हर जरूरत पूरी करने का काम करते थे।

चर्च में बच्चों से नाइड ड्यूटी कराता था अपोलो

रिपोर्ट्स के अनुसार उसके ये निजी असिस्टेंट 'नाइट ड्यूटी' करते थे जिसके नाम पर वह उनका यौन शोषण करता था। अपने शिकारों को अपनी मनमर्जी से चलाने के लिए वह अपनी बात न मानने पर नर्क की आग में जलाए जाने जैसी धमकियां देता था। उसके खिलाफ दर्ज अमेरिका में दर्ज मुकदमे में दावा किया गया था कि वह युवा लड़कियों को कमिटमेंट लेटर्स लिखने के लिए भी मजबूर करता था। इनमें उनसे लिखवाया जाता था कि किस तरह उन्होंने अपना शरीर और जीवन अपोलो के लिए समर्पित कर दिया है और किस तरह अपोलो की शिक्षाओं ने उनके स्पिरिचुअल जीवन में बड़े बदलाव लाने का काम किया।

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विरोधियों के लिए बना डाली थी 'प्रेयर माउंटेन'

अपोलो के शिकार हुए कुछ लोगों ने अपनी गवाही में कहा था कि जो लोग उसकी बातों का विरोध करते थे उन्हें इस पाप का प्रायश्चित करने के लिए प्रेयर माउंटेन भेज दिया जाता था। यह दवाओ सिटी के बाहरी इलाके में स्थित एक जगह है। यहां सिर मुंडवाने के साथ बुरी तरह पीटा जाता था। अपोलो के ये कारनामे सिर्फ फिलीपींस तक ही सीमित नहीं थे। उसका चर्च इंटरनेशनल बन चुका था। अमेरिकी प्रॉसीक्यूटर्स के अनुसार वह महिलाओं और बच्चों की तस्करी के काम में इंटरनेशवल लेवल पर संलिप्त था। एफबीआई के अनुसार उसके चर्च के कई सदस्य फर्जी तरीके से हासिल किए गए वीजा पर अमेरिका भेजे गए थे।

कैसे खत्म हुआ 'भगवान के बेटे' का साम्राज्य?

अपोलो ने दवाओ सिटी में अपने हेडक्वार्टर से काम करचते हुए स्थानीय सरकारी अधिकारियों पर प्रभुत्व बनाने का काम किया। साल 2021 में एफबीआई ने उसे अपनी मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल कर लिया था, लेकिन इसके बाद भी अपने शक्तिशाली राजनीतिक सहयोगियों की वजह से उसे कोई छू नहीं सका। लेकिन, बीती 24 अगस्त को फिलीपींस के अधिकारियों ने सेना के साथ कोऑर्डिनेट करते हुए उसके चर्च पर रेड मारी थी। करीब 2000 से ज्यादा हथियारबंद पुलिस अधिकारियों ने उसके चर्च को घेर लिया था। इसके बाद 2 हफ्ते से ज्यादा समय तक चले ऑपरेशन के बाद उसे गिरफ्तार किया जा सका।

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