देश छोड़ने के बाद भी शेख हसीना की मुश्किलें नहीं हुईं कम, अंतरिम सरकार ने उठाया यह बड़ा कदम
Bangladesh Political Crisis : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। देश और प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद उनके पीछे वहां की अंतरिम सरकार पड़ी है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना, उनके कैबिनेट के मंत्रियों और उनकी पार्टी के सांसदों के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। अंतरिम सरकार के इस फैसले से नेता वीजा फ्री देशों में यात्रा नहीं कर पाएंगे।
नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना की सरकार के समय के सांसदों को जारी किए गए सभी राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिए। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का भी पासपोर्ट रद्द किया गया है। साथ ही उनके कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों के पासपोर्ट भी शामिल हैं। आपको बता दें कि जिनके पास राजनयिक पासपोर्ट होते हैं, उन्हें कुछ देशों के लिए वीजा फ्री यात्रा समेत कई विशेषाधिकार मिलते हैं।
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अंतरिम सरकार ने राजनयिक पासपोर्ट किए रद्द
इसे लेकर गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अंतरिम सरकार ने राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का फैसला किया है, जिन्हें आमतौर पर लाल पासपोर्ट के रूप में जाना जाता है, क्योंकि ये लोग अब आधिकारिक पदों पर नहीं थे। उन्होंने कहा कि चूंकि वे अब अपने पदों पर नहीं हैं, इसलिए उनके पासपोर्ट रद्द करने का फैसला लिया गया। हालांकि, उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने इस मामले पर पासपोर्ट विभाग को सिर्फ मौखिक रूप से निर्देश जारी किए हैं। इसे लेकर अभी तक कोई औपचारिक अधिसूचना नहीं जारी की गई है।
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देश से भागने की कोशिश कर रहे थे कई मंत्री और सांसद
बताया जा रहा है कि यह फैसला शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों के बांग्लादेश से भागने की कोशिश करने की खबरों के बीच लिया गया। आपको बता दें कि छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के कारण शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और वह 5 अगस्त को भारत चली गईं। इसके बाद देश से भागने की कोशिश कर रहे कुछ कैबिनेट मंत्रियों को हिरासत में लिया गया था।