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Bangladesh Violence : अनिश्चितकालीन कर्फ्यू, इंटरनेट बंद, 300 मौतें; आखिर क्यों दंगों की आग में जल रहा बांग्लादेश?

Bangladesh Violence : भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंसा भड़की हुई है। पुलिस की ओर से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने लाठी-डंडों से पिटाई की और आंसू गैस के गोले दागे। इस भगदड़ में 300 लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए।
12:19 PM Aug 05, 2024 IST | Deepak Pandey
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बांग्लादेश में क्यों भड़की हिंसा?
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Bangladesh Violence : बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी। एक महीने के अंदर यह सबसे बड़ी घटना है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर हजारों छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शकारियों ने राजधानी ढाका में जमकर उत्पात मचाया। उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और कई मार्गों को जाम कर दिया। इस दौरान उनकी पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों से झड़प हुई। इस पर पुलिस ने लाठियां चलाईं और आंसू गैस के गोले दागे। सरकार ने पूरे देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। पुलिस का कहना है कि इस हिंसक झड़प में 300 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। आइए जानते हैं कि क्यों दंगों की आग में बांग्लादेश जल रहा है?

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आरक्षण प्रणाली से नाराज हैं छात्र

स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) के बैनर तले छात्र पिछले महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ढाका में रविवार को अचानक से हिंसा भड़की, जिसकी चपेट में कई लोग आए और 300 की जान चली गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। स्टूडेंट्स आरक्षण कोटा प्रणाली से नाराज हैं। बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण मिलता है, जिसे खत्म करने की मांग की जा रही है।

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पीएम शेख हसीना को हटाने की मांग

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए स्टूडेंट्स की मांगों को मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद तनाव बढ़ गया। अब छात्र तानाशाही का आरोप लगाते हुए शेख हसीना सरकार को हटाने की मांग कर रहे हैं। आरक्षण को लेकर प्रदर्शनकारियों का कहना है कि योग्यता के आधार पर नौकरियां मिलनी चाहिए।

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बांग्लादेश में क्या है आरक्षण का प्रावधान?

बांग्लादेश में आरक्षण कोटे के तहत सरकारी नौकरियां 56 प्रतिशत आरक्षित हैं। स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण हैं। पिछड़े प्रशासनिक जिलों और महिलाओं को 10-10 प्रतिशत रिजर्वेशन मिलता है। जातीय अल्पसंख्यक समूहों को 5 फीसदी और दिव्यांगों के लिए 1 फीसदी रिजर्वेशन रिजर्व है।

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Bangladesh newsworld news
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